कर्नाटक में बाघों की संदिग्ध मौत से वन्यजीव संरक्षण में चिंता

कर्नाटक में बाघों की मौत का रहस्य
कर्नाटक के एम.एम. हिल्स वन्यजीव अभयारण्य में हाल ही में पांच बाघों की मृत अवस्था में मिलने से वन्यजीव संरक्षण समुदाय में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों का मानना है कि इन बाघों की मौत का कारण ज़हर हो सकता है, जिसके चलते एक व्यापक जांच शुरू की गई है।इन बाघों के शव, जिनमें वयस्क और उप-वयस्क दोनों शामिल हैं, अभयारण्य के विभिन्न स्थानों पर पाए गए। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि पानी के स्रोतों या शिकार को जानबूझकर ज़हर दिया गया था, जो कि मानव-वन्यजीव संघर्ष के संदर्भ में बदले की हत्याओं का एक सामान्य तरीका है।
यह घटना बाघ संरक्षण के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि हाल के वर्षों में इनकी संख्या में वृद्धि देखी गई थी। वन विभाग ने एक उच्च-स्तरीय टीम को मौके पर भेजा है, जिसमें पशु चिकित्सा विशेषज्ञ भी शामिल हैं, ताकि विस्तृत पोस्टमार्टम किया जा सके और फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए जा सकें।
जांच का मुख्य उद्देश्य मौत के सही कारणों का पता लगाना और इस जघन्य कृत्य के पीछे के अपराधियों की पहचान करना है। संदिग्ध ज़हर देने की घटनाएं भारत में बाघों की आबादी के लिए लगातार खतरे को उजागर करती हैं, जिसमें संगठित शिकार और स्थानीय लोगों द्वारा बदले की हत्याएं शामिल हैं। अधिकारियों ने दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का संकल्प लिया है। यह घटना इन लुप्तप्राय जानवरों की रक्षा के लिए सामुदायिक भागीदारी और सतर्कता की आवश्यकता को भी दर्शाती है.