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किसानों का धान घोटाले के खिलाफ आंदोलन, सरकार पर गंभीर आरोप

किसानों ने धान घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर करनाल में जोरदार प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष रतनमान ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह भ्रष्ट अधिकारियों को बचा रही है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। जानें इस घोटाले की पूरी कहानी और किसानों की मुख्य मांगें।
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किसानों का धान घोटाले के खिलाफ आंदोलन, सरकार पर गंभीर आरोप

किसानों का विरोध प्रदर्शन


किसानों ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एसीएस आईएएस डी. सुरेश पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपकर घोटालों को बढ़ावा दे रही है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष रतनमान के नेतृत्व में किसानों ने करनाल में काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रशासन और सरकार पर आरोप लगाया कि वे काली जांच के नाम पर सच्चाई को दबा रहे हैं।


आंदोलन की चेतावनी

किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि धान घोटाले की पारदर्शी जांच नहीं हुई, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक सभी जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।


भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज

भाकियू के अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि कुछ अधिकारी और बिचौलिए किसानों की मेहनत पर डाका डाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने घोटाले की जांच को काली जांच में बदलकर दोषियों को बचाने की कोशिश की है।


जांच की स्थिति

किसानों का कहना है कि आईएएस डी. सुरेश पर भ्रष्टाचार के आरोप पहले से ही हैं, लेकिन उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। इससे किसानों में रोष है।


घोटाले का विवरण

आंकड़ों के अनुसार, 2025 में धान की पैदावार में 25 से 30 प्रतिशत की कमी आई, लेकिन करनाल में धान की आमद में असामान्य वृद्धि दर्ज की गई। यह स्पष्ट है कि यहां गंभीर फर्जीवाड़ा हुआ है।


भाकियू की मांगें

भाकियू ने मांग की है कि धान घोटाले की जांच उच्च न्यायालय के जज से कराई जाए और दोषी अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।