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किसानों को मुआवजे में देरी से बढ़ी चिंता, आग लगाने के मामले भी दर्ज

कैथल में बाढ़ और बारिश के कारण फसलें बर्बाद होने के बावजूद किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। कई किसानों को घरेलू खर्च चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। इसके अलावा, धान के अवशेषों में आग लगाने के आरोप में दो किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। जानिए इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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किसानों को मुआवजे में देरी से बढ़ी चिंता, आग लगाने के मामले भी दर्ज

कैथल में किसानों की समस्याएं

कैथल (मुआवजा)। बाढ़ और बारिश के कारण फसलें बर्बाद होने के बावजूद किसानों को मुआवजा नहीं मिल रहा है, जिससे वे काफी परेशान हैं। कई किसानों को अपने घरेलू खर्चों को पूरा करने के लिए आढ़तियों से कर्ज लेना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि सरकार ने दिवाली से पहले मुआवजा देने का वादा किया था, लेकिन अब तक उनके खातों में कोई राशि नहीं आई है।


फसल नुकसान का मुआवजा: अब तक नहीं मिली राशि

जिले के लगभग 273 गांवों के 9,745 किसानों ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था। गुहला-चीका, सीवन, पूंडरी, कलायत और ढांड क्षेत्रों में धान और अन्य फसलें बर्बाद हुई थीं। पटवारियों द्वारा सर्वेक्षण किए जाने के बावजूद मुआवजे की राशि अब तक अटकी हुई है।


मुख्य रूप से बौने पौधों और हल्दी रोग से प्रभावित धान की फसलों के किसानों ने आवेदन किया है। घग्गर नदी से आई बाढ़ ने भी धान की फसल को गंभीर नुकसान पहुँचाया है।


किसानों की आर्थिक स्थिति

गुहला चीका के किसान मेघराज ने बताया कि उसने तीन एकड़ में फसल लगाई थी, जो बारिश और बाढ़ में डूब गई। ठेके पर खेती करने के कारण उसका पूरा बजट बिगड़ गया है। अब उसे अपने घर के खर्च के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। उसने सरकार से तुरंत मुआवजा जारी करने की मांग की है।


किसान रामकिशन ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं से पहले ही किसान जूझ रहे हैं, और मुआवजे में देरी उनकी समस्याओं को और बढ़ा रही है। सरकार को किसानों की स्थिति को समझते हुए जल्द से जल्द राहत राशि जारी करनी चाहिए ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।


आग लगाने के आरोप में दो किसानों पर कार्रवाई

धान के अवशेषों में आग लगाने के आरोप में दो किसानों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के कृषि पर्यवेक्षक राकेश कुमार की शिकायत पर गांव बाता के किसान संजय के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


शिकायतकर्ता ने बताया कि हरसेक ऐप के माध्यम से सूचना मिली थी कि किसान संजय ने धान के अवशेषों में आग लगाई है। मौके पर जांच करने पर सूचना सही पाई गई, जिसके बाद पुलिस को रिपोर्ट दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


इसी तरह, दूसरे मामले में हल्का पटवारी कैथल ईश्वर सिंह की शिकायत पर तितरम पुलिस ने गांव देवबन के किसान सोहनलाल के खिलाफ धान अवशेष जलाने का मामला दर्ज किया है। दोनों मामलों में पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।