कुरुक्षेत्र में किसानों का सड़क पर प्रदर्शन: मुआवजे की मांग

किसानों का अनोखा विरोध प्रदर्शन
कुरुक्षेत्र में किसानों ने सड़क पर ट्रैक्टर-ट्रॉली से बनाई दीवार: मुआवजे की मांग: हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में मंगलवार को किसानों ने एक अनोखा प्रदर्शन किया। गुस्साए किसानों ने स्टेट हाईवे नंबर 6 पर ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी कर सड़क पर दीवार बना दी। यह कदम लंबे समय से चल रहे मुआवजे के विवाद के कारण उठाया गया, जिसने स्थानीय प्रशासन को भी चौंका दिया।
किसानों का कहना है कि उनकी भूमि का मुआवजा कई दशकों से लंबित है, और अब उनकी सहनशक्ति का बांध टूट चुका है। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी है, बल्कि सरकार की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े कर रही है।
इस विरोध प्रदर्शन की जड़ एक किसान की 22 मरले जमीन है, जिसे 1987 में लोक निर्माण विभाग (PWD) ने बिना मुआवजे के सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित किया था। किसान का दावा है कि उसने इस मामले में तीन बार अदालत से जीत हासिल की, फिर भी उसे मुआवजा नहीं मिला।
2013 में पिहोवा कोर्ट ने आदेश दिया था कि छह महीने के भीतर किसान को मुआवजा दिया जाए या सड़क हटाई जाए, लेकिन इस आदेश का पालन नहीं हुआ। इसके बाद 2018 में कोर्ट ने किसान को जमीन पर कब्जा दिलवाया, लेकिन सरकार ने हाई कोर्ट में अपील की, जो खारिज हो गई। 2023 में किसान ने सड़क पर कब्जा करने की कोशिश की, तब SDM ने कुछ दिनों में मुआवजा देने का आश्वासन दिया, लेकिन वह भी पूरा नहीं हुआ।
इस बार, हताश किसान ने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ सड़क पर दीवार बनाकर अपनी आवाज उठाई। सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया।
किसान के वकील मिथुन अत्रि ने बताया कि सरकार ने बार-बार कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की है। सेशन कोर्ट ने भी सरकार की अपील को खारिज कर दिया, लेकिन मुआवजे का भुगतान अब तक नहीं हुआ। यह मामला न केवल एक किसान की पीड़ा को दर्शाता है, बल्कि उन सभी लोगों की समस्याओं को भी उजागर करता है, जो सरकारी लापरवाही का शिकार हो रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसे विरोध प्रदर्शन तब तक जारी रहेंगे जब तक सरकार किसानों के अधिकारों को पूरा नहीं करती। यह घटना सरकार के लिए एक चेतावनी है कि कोर्ट के आदेशों का सम्मान और समय पर कार्रवाई आवश्यक है। फिलहाल, प्रशासन और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच बातचीत जारी है, और लोग इस मामले के शीघ्र समाधान की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि सड़क पर यातायात सामान्य हो सके और किसान को उसका हक मिल सके।