क्या इंग्लैंड की शॉर्ट-पिच गेंदबाज़ी ने खेल भावना को ठेस पहुँचाई? सुनील गावस्कर की तीखी प्रतिक्रिया

सुनील गावस्कर की कड़ी आलोचना
लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन, इंग्लैंड की शॉर्ट-पिच गेंदबाज़ी रणनीति पर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इंग्लिश टीम पर आरोप लगाया कि उसने 1930 के दशक की विवादास्पद 'बॉडीलाइन' रणनीति को दोहराया है, जो खेल की भावना के खिलाफ है।
इंग्लैंड की आक्रामक गेंदबाज़ी रणनीति
शनिवार को भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टेस्ट में, इंग्लैंड ने ऋषभ पंत के खिलाफ आक्रामक फील्ड सेटअप और लगातार बाउंसरों का सहारा लिया। पंत, जिन्हें शुक्रवार को हाथ में चोट लगी थी, इंग्लिश गेंदबाज़ों की शॉर्ट गेंदों से परेशान नजर आए। कप्तान बेन स्टोक्स ने उनके खिलाफ लेग साइड में छह फील्डर्स तैनात किए, जो इंग्लैंड की शारीरिक रूप से आक्रामक रणनीति को दर्शाता है।
गावस्कर की अपील
गावस्कर ने कमेंट्री के दौरान इंग्लैंड की इस रणनीति की आलोचना करते हुए कहा कि यह क्रिकेट के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि आज की गई 56% गेंदें शॉर्ट थीं और चार खिलाड़ी बाउंड्री पर कैच के लिए तैनात थे। पंत बार-बार चोटिल हो रहे थे, जिसके चलते फिजियो को मैदान पर आना पड़ा।
गावस्कर ने आईसीसी की पुरुष क्रिकेट समिति के प्रमुख सौरव गांगुली से अनुरोध किया कि वह इस रणनीति पर ध्यान दें और नियमों में सुधार करें। उनका कहना था कि लेग साइड पर छह से अधिक फील्डर रखना खेल भावना के खिलाफ है। उन्होंने उम्मीद जताई कि गांगुली इसे गंभीरता से लेंगे और भविष्य में ऐसी स्थिति नहीं बनने देंगे।
बॉडीलाइन रणनीति का इतिहास
यह ध्यान देने योग्य है कि 1932-33 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रैडमैन को रोकने के लिए इसी 'बॉडीलाइन' रणनीति का सहारा लिया था, जिसमें गेंदबाज बल्लेबाज के शरीर को लक्ष्य बनाकर गेंदबाज़ी करते थे। इस रणनीति की तीव्र आलोचना हुई और इसे 'अनुचित खेल' करार दिया गया। इसके बाद नियमों में बदलाव कर लेग साइड पर स्क्वायर के पीछे अधिकतम दो फील्डर रखने की सीमा तय की गई।
मैच की बात करें तो भारत ने केएल राहुल (100) और रवींद्र जडेजा (अर्धशतक) की मदद से पहली पारी में 387 रन बनाकर इंग्लैंड के स्कोर की बराबरी की। राहुल और पंत ने चौथे विकेट के लिए 141 रन जोड़े, लेकिन लंच के बाद भारत की बल्लेबाज़ी लड़खड़ा गई।