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क्या ईशान किशन बनेंगे भारत के अगले विकेटकीपर? ऋषभ पंत की चुनौती

भारत अगले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज की मेज़बानी करने जा रहा है, और इस बीच विकेटकीपर के चयन को लेकर एक महत्वपूर्ण बहस छिड़ गई है। ईशान किशन की हालिया फॉर्म उन्हें टीम में शामिल करने के लिए मजबूत बनाती है, जबकि ऋषभ पंत की लगातार अनुपस्थिति उनके लिए चुनौती बन गई है। क्या चयनकर्ता किशन को प्राथमिकता देंगे या पंत को एक और मौका देंगे? जानें इस दिलचस्प बहस के बारे में।
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क्या ईशान किशन बनेंगे भारत के अगले विकेटकीपर? ऋषभ पंत की चुनौती

भारत की न्यूजीलैंड सीरीज से पहले विकेटकीपर चयन की बहस


भारत अगले महीने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज की मेज़बानी करने जा रहा है, और इससे पहले टीम चयन को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा शुरू हो गई है। यह बहस मुख्य रूप से प्लेइंग इलेवन में पहले विकल्प के बारे में नहीं है, क्योंकि विकेटकीपर-बल्लेबाज के रूप में केएल राहुल की जगह लगभग तय मानी जा रही है। असली सवाल बैकअप विकेटकीपर के चयन को लेकर है, जहां ईशान किशन और ऋषभ पंत के बीच चयनकर्ताओं को एक कठिन निर्णय लेना है।


ईशान किशन की फॉर्म पर नजर

ईशान किशन की हालिया फॉर्म को देखते हुए उन्हें टीम में शामिल करना स्वाभाविक प्रतीत होता है। हाल ही में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण उन्हें टी20 विश्व कप की टीम में अंतिम समय पर जगह मिली थी। हालांकि, यह सवाल उठता है कि क्या इस फॉर्म के आधार पर ऋषभ पंत को फिर से नजरअंदाज करना उचित होगा, खासकर जब उन्हें 50 ओवर के प्रारूप में खेलने का पर्याप्त अवसर नहीं मिला है।


पंत की दिसंबर 2022 में हुई कार दुर्घटना के बाद किशन को खेलने का मौका मिला, और उन्होंने बांग्लादेश दौरे पर दोहरा शतक बनाकर अपनी क्षमता साबित की। इसके बाद, 2023 में केएल राहुल की चोट के कारण किशन ने नियमित विकेटकीपर की भूमिका निभाई और लगातार प्रभावशाली पारियां खेलीं। एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ उनकी 82 रन की पारी को आज भी याद किया जाता है। इसी प्रदर्शन के आधार पर उन्हें वनडे विश्व कप टीम में शामिल किया गया, लेकिन वहां उन्हें सीमित अवसर ही मिले।


ऋषभ पंत की वापसी और चुनौतियाँ

दिसंबर 2023 में मानसिक स्वास्थ्य कारणों से ब्रेक लेने और घरेलू क्रिकेट से दूरी के कारण किशन को बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया गया, जिससे उनके करियर में कुछ समय के लिए रुकावट आई। दूसरी ओर, ऋषभ पंत ने आईपीएल 2024 के माध्यम से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की और टी20 विश्व कप में बैकअप के रूप में टीम में जगह बनाई। श्रीलंका दौरे पर उन्हें वनडे में आजमाया गया, लेकिन इसके बाद फिर से बेंच पर बैठना पड़ा।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू वनडे सीरीज के लिए पंत को बाहर रखा जा सकता है। वहीं, किशन ने विजय हजारे ट्रॉफी के पहले मैच में शतक बनाकर चयनकर्ताओं का ध्यान फिर से अपनी ओर खींच लिया है, जिससे उनका दावा और मजबूत हुआ है।


फॉर्म बनाम निष्पक्षता की बहस

फॉर्म बनाम निष्पक्षता की इस बहस में किशन का पक्ष मजबूत है, लेकिन पंत को लगातार मौके न मिलना भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आंकड़े बताते हैं कि दोनों के प्रदर्शन में ज्यादा अंतर नहीं है, फर्क सिर्फ इतना है कि किशन को अधिक निरंतरता मिली है। केएल राहुल की मौजूदगी में पंत के लिए प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना कठिन रहा है।


घरेलू सीरीज में जोखिम कम होता है और प्रयोग की गुंजाइश रहती है। ऐसे में चयनकर्ताओं के पास यह अच्छा मौका है कि वे पंत को भी एक स्पष्ट मौका दें। यदि भारत भविष्य के बड़े टूर्नामेंटों के लिए एक मजबूत टीम बनाना चाहता है, तो केवल मौजूदा फॉर्म नहीं, बल्कि परिस्थितियों और खिलाड़ियों की निरंतरता को भी ध्यान में रखना होगा।