क्या वनडे क्रिकेट की लोकप्रियता में कमी आ रही है? ICC के नए नियमों पर नजर

वनडे क्रिकेट की चुनौतियाँ
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के समक्ष एक महत्वपूर्ण प्रश्न उभर रहा है। क्या वनडे क्रिकेट अब अपनी पूर्ववर्ती लोकप्रियता को खो रहा है, और इसे पुनर्जीवित करने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? टी20 क्रिकेट की बढ़ती लोकप्रियता के चलते वनडे क्रिकेट की प्रासंगिकता कम होती जा रही है। जबकि टेस्ट क्रिकेट की समस्याओं का समाधान करने के लिए ICC ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की शुरुआत की, वनडे क्रिकेट की घटती लोकप्रियता को संभालना अब एक बड़ी चुनौती बन गई है.
वनडे क्रिकेट की घटती लोकप्रियता के कारण
वनडे क्रिकेट के मूल स्वरूप में कई तकनीकी परिवर्तन हुए हैं, जिनका प्रभाव इस प्रारूप की सरलता और रोमांच पर पड़ा है। दो नई गेंदों का उपयोग, सीमित फील्डिंग पोजीशन और बल्लेबाजों के पक्ष में बनाए गए नियम जैसे बदलावों ने इस खेल के स्वरूप को बदल दिया है। इन परिवर्तनों ने वनडे क्रिकेट के असली मज़े को कम कर दिया है, जिससे इसके प्रशंसक भी निराश हो रहे हैं.
ICC की नई खेल शर्तें
ICC जुलाई 2025 से वनडे क्रिकेट में सिंगल बॉल नियम को पुनः लागू करने की योजना बना रहा है। इसका अर्थ है कि अब दो नई गेंदों का उपयोग समाप्त हो सकता है और केवल एक गेंद से पूरे मैच का संचालन किया जाएगा। यह बदलाव टेस्ट क्रिकेट में भी लागू होगा। इसके अतिरिक्त, ICC कन्कशन रिप्लेसमेंट, बाउंड्री लाइन कैच और DRS नियमों में भी संशोधन करने की संभावना पर विचार कर रहा है.
सौरव गांगुली का सुझाव
इस वर्ष की शुरुआत में, पूर्व भारतीय कप्तान और BCCI के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ICC को सुझाव दिया था कि वनडे क्रिकेट से दो गेंदों के नियम को हटाया जाए। ऐसा प्रतीत होता है कि ICC ने इस सुझाव को गंभीरता से लिया है और अब वनडे में दो नई गेंदों के नियम को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है.
नई गेंदों का प्रयोग कैसे होगा?
नई खेल स्थितियों के अनुसार, वनडे मैच की शुरुआत दो नई गेंदों से होगी, लेकिन खेल के अंत तक केवल एक गेंद का उपयोग किया जाएगा। मैच के पहले 34 ओवरों तक दोनों नई गेंदों का इस्तेमाल होगा, लेकिन 34वें ओवर के बाद फील्डिंग टीम यह तय करेगी कि कौन सी गेंद खेल के अंत तक इस्तेमाल होगी। इससे गेंदबाजों और फील्डरों को रणनीति बनाने के अधिक विकल्प मिलेंगे और मैच का रोमांच बना रहेगा.