क्रिस वोक्स ने क्रिकेट से लिया संन्यास: जानें उनके करियर की खास बातें

क्रिस वोक्स का संन्यास
क्रिस वोक्स का संन्यास: इंग्लैंड के प्रमुख बॉलिंग ऑलराउंडर क्रिस वोक्स ने 29 सितंबर, सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया। 36 वर्षीय वोक्स हाल ही में चोट के कारण इंग्लैंड के एशेज स्क्वॉड से बाहर हो गए थे। भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला के अंतिम मुकाबले में उनके कंधे में गंभीर चोट आई थी, जिसने उनके करियर पर गहरा प्रभाव डाला। पिछले कुछ वर्षों में उन्हें कई चोटों का सामना करना पड़ा, जिससे खेल जारी रखना उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गया।
2011 में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय सफर
वोक्स ने 2011 में सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने कुल 62 टेस्ट मैचों में 2034 रन बनाए और 198 विकेट लिए। वनडे में उन्होंने 122 मैच खेले, जिसमें उनके रन 1524 और विकेट 173 रहे। टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 33 मैचों में 147 रन और 31 विकेट लिए। अपने संन्यास की घोषणा करते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने इंग्लैंड के लिए खेलने को अपने बचपन का सपना बताया, जिसे पूरा करने का अवसर उन्हें मिला। उन्होंने इंग्लैंड की टीम के साथ बिताए पंद्रह वर्षों को याद करते हुए कहा कि यह समय कितनी तेजी से बीता।
परिवार का विशेष आभार
वोक्स ने दो बार विश्व कप जीतने और कई यादगार एशेज श्रृंखलाओं का हिस्सा बनने की खुशी व्यक्त की। उन्होंने अपने साथियों के साथ बिताए खास पलों और जश्न को अपने जीवन के अनमोल अनुभव बताया। इस मौके पर उन्होंने अपने परिवार का विशेष धन्यवाद किया, जिनका प्यार और समर्थन हमेशा उनके लिए प्रेरणा का स्रोत रहा। वोक्स ने अपनी पत्नी एमी और बेटियों लैला और एवी के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ दिया।
काउंटी क्रिकेट जारी रखेंगे
अपने संन्यास के बाद, क्रिस वोक्स काउंटी क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे और फ्रेंचाइजी लीग में खेलने के अवसरों की तलाश करेंगे। उन्होंने अपने प्रशंसकों, विशेषकर बार्मी आर्मी का भी आभार व्यक्त किया, जिनके उत्साह और समर्थन ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया। इसके साथ ही, उन्होंने अपने कोचों, टीम के साथियों और सपोर्ट स्टाफ का भी धन्यवाद किया, जिनका मार्गदर्शन और दोस्ती उनके लिए अनमोल रही।
क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक युग का अंत
क्रिस वोक्स का यह निर्णय एक युग के अंत का प्रतीक है, जिन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट में अपनी मेहनत, समर्पण और प्रदर्शन से महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उनकी विदाई से क्रिकेट प्रेमियों के दिल में एक खालीपन जरूर आएगा, लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।