जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से फंसी स्वराज एक्सप्रेस: यात्रियों का अनुभव
स्वराज एक्सप्रेस का भयानक अनुभव
जम्मू-कश्मीर में मूसलधार बारिश और बाढ़ ने न केवल सड़कों को प्रभावित किया है, बल्कि भारतीय रेलवे पर भी इसका गंभीर असर पड़ा है। एक गंभीर स्थिति तब उत्पन्न हुई जब स्वराज एक्सप्रेस (12471), जो वैष्णो देवी कटरा की ओर जा रही थी, जम्मू और कटरा के बीच 24 घंटे से अधिक समय तक फंसी रही। इस दौरान ट्रेन में सवार सैकड़ों यात्रियों को बिजली, पानी और भोजन के बिना एक भयावह रात बितानी पड़ी।स्वराज एक्सप्रेस बांद्रा (मुंबई) से चलकर श्री माता वैष्णो देवी कटरा स्टेशन की ओर बढ़ रही थी। लेकिन जम्मू-कश्मीर में हो रही भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ, जिससे रेलवे ट्रैक को गंभीर नुकसान पहुंचा। सुरक्षा कारणों से ट्रेन को जम्मू और कटरा के बीच एक सुनसान स्थान पर रोक दिया गया।
ट्रेन मंगलवार शाम से फंसी हुई थी और बुधवार शाम तक भी वहां से नहीं निकल पाई। इस दौरान यात्रियों, जिनमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल थे, की स्थिति बेहद खराब हो गई।
यात्रियों ने अपनी आपबीती साझा की, जिसमें उन्होंने कहा कि रात 'नर्क जैसी' थी। कुछ ही घंटों में ट्रेन की पैंट्री का खाना और पानी खत्म हो गया। एयर कंडीशनिंग (AC) बंद हो जाने से कोचों में उमस और गर्मी बढ़ गई।
बिजली न होने के कारण पूरी ट्रेन अंधेरे में डूब गई, जिससे खासकर महिलाओं और बच्चों में डर का माहौल बन गया। मोबाइल की बैटरी खत्म हो जाने के कारण वे अपने परिवार से संपर्क भी नहीं कर पा रहे थे।
यात्रियों ने आरोप लगाया कि रेलवे प्रशासन की ओर से उन्हें कोई विशेष सहायता नहीं मिली। उन्हें यह भी नहीं बताया गया कि ट्रेन कब चलेगी। आसपास कोई दुकान या आबादी न होने के कारण वे खाने-पीने का सामान भी नहीं खरीद सकते थे।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, भारी बारिश और चक्की नदी में आई बाढ़ के कारण पठानकोट-जम्मू-कटरा रेल खंड पर पटरियों के नीचे से जमीन खिसक गई है। कई स्थानों पर ट्रैक हवा में झूल रहे हैं। मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, लेकिन यातायात को पूरी तरह से बहाल करने में कुछ और दिन लग सकते हैं।