Newzfatafatlogo

जसप्रीत बुमराह की इंग्लैंड दौरे पर सीमित भागीदारी पर उठे सवाल

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की इंग्लैंड दौरे पर सीमित भागीदारी ने विवाद खड़ा कर दिया है। बुमराह ने केवल तीन टेस्ट खेलने का निर्णय लिया, जिससे कई क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों ने उनकी आलोचना की। पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने बुमराह को 'कोहिनूर हीरा' बताते हुए उनकी अहमियत को रेखांकित किया और चेतावनी दी कि उन पर अनावश्यक दबाव डालने से वह जल्दी संन्यास ले सकते हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
 | 
जसप्रीत बुमराह की इंग्लैंड दौरे पर सीमित भागीदारी पर उठे सवाल

बुमराह की चयन प्रक्रिया पर विवाद

भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इंग्लैंड दौरे पर अपनी सीमित भागीदारी को लेकर आलोचना का सामना कर रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में, बुमराह ने अपनी चोट और वर्कलोड को ध्यान में रखते हुए पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह केवल तीन टेस्ट मैचों में खेलेंगे। लेकिन जब भारत श्रृंखला में 1-2 से पीछे था, तब भी बुमराह ने अंतिम टेस्ट में भाग नहीं लिया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने उन्हें बीच में ही स्क्वॉड से रिलीज कर दिया।


आलोचना और प्रशंसा का मिश्रण

बुमराह का यह निर्णय कई क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों को पसंद नहीं आया। कुछ का मानना है कि एक सीनियर खिलाड़ी के नाते उन्हें महत्वपूर्ण टेस्ट में टीम के साथ रहना चाहिए था। आलोचकों का कहना है कि बुमराह ने अपनी प्राथमिकताओं को राष्ट्रीय हित से ऊपर रखा, खासकर जब भारत को सीरीज में वापसी की आवश्यकता थी। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया और क्रिकेट के गलियारों में बहस चल रही है कि क्या बुमराह का यह कदम स्वार्थी था या उनके करियर और स्वास्थ्य के लिए आवश्यक।


आकाश चोपड़ा की चेतावनी

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और क्रिकेट विशेषज्ञ आकाश चोपड़ा ने बुमराह की आलोचना पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बुमराह को 'कोहिनूर हीरा' बताते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट में उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। चोपड़ा ने चेतावनी दी कि अगर बुमराह पर अनावश्यक दबाव डाला गया या उनकी आलोचना जारी रही, तो वह जल्दी संन्यास लेने का निर्णय ले सकते हैं।


उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि वह ज्यादा टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे, लेकिन जब तक वह खेलते हैं, मैं यही कहूंगा कि उन्हें टिके रहना चाहिए। बुमराह ने इंग्लैंड दौरे से पहले अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी। उन्होंने अपनी चोट के इतिहास और तेज गेंदबाज के रूप में भारी वर्कलोड को ध्यान में रखते हुए केवल तीन टेस्ट खेलने का निर्णय लिया था। बुमराह पहले भी चोटों से जूझ चुके हैं और लंबे समय तक मैदान से बाहर रह चुके हैं।