जसप्रीत बुमराह के बिना भारतीय क्रिकेट टीम की सफलता के आंकड़े

जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड प्रबंधन
जसप्रीत बुमराह: इंग्लैंड दौरे के दौरान बुमराह के वर्कलोड पर काफी चर्चा हुई। वर्कलोड प्रबंधन के तहत उन्हें केवल तीन टेस्ट मैचों में खेलने का मौका मिला। दिलचस्प बात यह है कि जिन तीन टेस्ट में बुमराह प्लेइंग 11 में नहीं थे, उनमें से दो में भारतीय टीम ने जीत हासिल की। बुमराह को विश्व के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक माना जाता है।
बुमराह की अनुपस्थिति में टीम की मजबूती
बुमराह अकेले अपने प्रदर्शन से किसी भी मैच का परिणाम बदलने की क्षमता रखते हैं और उन्होंने कई बार टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलाई है। हालांकि, इस वर्ष बुमराह के बिना भारतीय टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया है, चाहे वह टेस्ट हो, वनडे या टी-20। यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया ने बुमराह के बिना जीतना सीख लिया है।
बुमराह के रहते जीत का खाता खाली
इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला में बुमराह तीन मैचों में प्लेइंग 11 का हिस्सा रहे। बुमराह की मौजूदगी में हेडिंग्ले और लॉर्ड्स में टीम को हार का सामना करना पड़ा, जबकि मैनचेस्टर में बल्लेबाजों ने मैच को ड्रॉ कराने में सफलता पाई। बुमराह जिन दो टेस्ट मैचों में नहीं खेले, उनमें भारतीय टीम ने जीत दर्ज की।
बुमराह के बिना टीम इंडिया का शानदार रिकॉर्ड
इस साल बुमराह के बिना भारतीय टीम ने तीनों फॉर्मेट में कुल 15 मैच खेले हैं, जिनमें से 14 में जीत मिली है और केवल एक मैच में हार का सामना करना पड़ा। चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी बुमराह के बिना जीता गया, जिससे आईसीसी ट्रॉफी का 12 साल का सूखा समाप्त हुआ।
बुमराह की अनुपस्थिति में टीम को एकमात्र हार इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 इंटरनेशनल मैच में मिली। आंकड़े भले ही बुमराह के खिलाफ हों, लेकिन यह स्पष्ट है कि उनका स्थान भारतीय क्रिकेट में बहुत महत्वपूर्ण है और वह एक प्रमुख मैच विनर हैं।