जस्टिन ग्रीव्स का ऐतिहासिक दोहरा शतक, क्रिकेट में नया रिकॉर्ड
क्राइस्टचर्च टेस्ट में ग्रीव्स की अद्भुत पारी
नई दिल्ली: वेस्टइंडीज के युवा ऑलराउंडर जस्टिन ग्रीव्स ने न्यूजीलैंड के खिलाफ क्राइस्टचर्च में खेले गए टेस्ट में एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है। चौथी पारी में नंबर-6 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने नाबाद 202 रन बनाकर अपनी टीम को हार से बचाया।
यह पारी न केवल बड़ी थी, बल्कि कई रिकॉर्ड भी तोड़ने वाली साबित हुई। ग्रीव्स ने इस मैच में दोहरा शतक लगाकर न्यूजीलैंड से जीत छीन ली और मुकाबला ड्रॉ करा दिया।
टेस्ट क्रिकेट में 148 साल का अनोखा रिकॉर्ड
148 साल में पहली बार हुआ ऐसा कमाल
टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 1877 में हुई थी। 148 वर्षों के इतिहास में किसी भी बल्लेबाज ने चौथी पारी में नंबर 6 या उससे नीचे आकर दोहरा शतक नहीं लगाया था। जस्टिन ग्रीव्स इस मामले में पहले खिलाड़ी बन गए हैं।
इससे पहले, बेन स्टोक्स ने 2019 में लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नंबर 6 पर आकर 155 रन बनाए थे, जो अब तक का सबसे बड़ा स्कोर था। ग्रीव्स ने उस रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया।
चौथी पारी में दोहरा शतक लगाने वाले खिलाड़ी
चौथी पारी में दोहरा शतक लगाने वाले सात खिलाड़ी
टेस्ट क्रिकेट में चौथी पारी में दोहरा शतक लगाना एक बड़ी उपलब्धि है। अब तक केवल सात बल्लेबाज ही यह कर पाए हैं:
- जॉर्ज हेडली (वेस्टइंडीज)
- बिल एडरिक (इंग्लैंड)
- सुनील गावस्कर (भारत)
- गॉर्डन ग्रीनिज (वेस्टइंडीज)
- नाथन एस्टल (ऑस्ट्रेलिया)
- काइल मेयर्स (वेस्टइंडीज)
- जस्टिन ग्रीव्स (वेस्टइंडीज)
जीरो से दोहरा शतक तक का सफर
जीरो से दोहरा शतक
इस मैच की पहली पारी में ग्रीव्स बिना खाता खोले आउट हो गए थे। फिर चौथी पारी में उन्होंने 388 गेंदों पर नाबाद 202 रन बनाए। यह पहली बार है जब किसी खिलाड़ी ने एक ही मैच में एक पारी में शून्य पर आउट होने के बाद अगली पारी में दोहरा शतक लगाया।
मैच ड्रॉ कराने में ग्रीव्स की भूमिका
मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका
न्यूजीलैंड ने वेस्टइंडीज को जीत के लिए 531 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था। एक समय वेस्टइंडीज का स्कोर 4 विकेट पर केवल 72 रन था। वहां से जस्टिन ग्रीव्स और शाई होप ने पांचवें विकेट के लिए 196 रनों की साझेदारी की।
इसके बाद ग्रीव्स और केमार रोच ने सातवें विकेट के लिए नाबाद 180 रनों की साझेदारी निभाई। अंत में वेस्टइंडीज ने 163.3 ओवर में 6 विकेट खोकर 457 रन बनाए और मैच ड्रॉ करा लिया। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में चौथी पारी का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है।
