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जींद के नितिन लाठर ने कुश्ती में जीता सिल्वर मेडल, बढ़ाया देश का मान

जींद के नितिन लाठर ने वियतनाम में आयोजित एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में 92 किलोग्राम वर्ग में सिल्वर मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है। एक साधारण किसान परिवार से आने वाले नितिन की मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। जानें उनकी प्रेरणादायक यात्रा और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
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जींद के नितिन लाठर ने कुश्ती में जीता सिल्वर मेडल, बढ़ाया देश का मान

नितिन लाठर की कुश्ती में सफलता

हरियाणा खेल: जींद के नितिन लाठर ने कुश्ती में देश का मान बढ़ाया, जीता सिल्वर मेडल: नितिन लाठर ने सिल्वर मेडल जीतकर हरियाणा के जींद जिले को एक बार फिर खेल के क्षेत्र में गौरव दिलाया है।


वियतनाम में आयोजित ग्रीको रोमन एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में नितिन ने 92 किलोग्राम वर्ग में यह मेडल हासिल किया, जिससे उन्होंने देश का नाम रोशन किया। एक साधारण किसान परिवार से आने वाले इस युवा पहलवान ने अपनी मेहनत और समर्पण से न केवल अपने गांव राजगढ़ का मान बढ़ाया, बल्कि पूरे भारत को गर्व का अनुभव कराया। आइए जानते हैं नितिन की प्रेरणादायक यात्रा के बारे में।


कुश्ती में नितिन का प्रदर्शन

कुश्ती के मैदान में नितिन का जलवा: वियतनाम में आयोजित ग्रीको रोमन कुश्ती चैंपियनशिप में जींद के जुलाना विधानसभा क्षेत्र के राजगढ़ गांव के नितिन लाठर ने शानदार प्रदर्शन किया। 92 किलोग्राम वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए नितिन ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया।


हालांकि, वे गोल्ड मेडल से चूक गए, लेकिन उनकी इस उपलब्धि ने पूरे देश को गर्व से भर दिया। नितिन ने कहा कि यह मेडल उनके लिए एक कदम है, और उनका अगला लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है। उनकी मेहनत और जज्बे को हर कोई सराह रहा है।


साधारण परिवार से असाधारण उपलब्धि

साधारण परिवार से असाधारण उपलब्धि: नितिन लाठर एक साधारण किसान परिवार से हैं। उनके पिता सुकिंद्र लाठर ने बताया कि नितिन ने पहले भी खेलों इंडिया यूथ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है।


नितिन का सपना है कि वे विश्व स्तर पर भारत का नाम और ऊंचा करें। सिल्वर मेडल जीतने की खुशी के साथ-साथ नितिन को गोल्ड मेडल न जीत पाने का हल्का अफसोस भी है। लेकिन उनकी नजर अब ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर है, जहां वे देश के लिए और बड़ी उपलब्धि हासिल करना चाहते हैं।


परिवार और गांव में खुशी की लहर

परिवार और गांव में खुशी की लहर: नितिन की इस उपलब्धि से उनके परिवार और गांव राजगढ़ में खुशी की लहर है। उनके पिता सुकिंद्र का कहना है कि बेटे का सिल्वर मेडल जीतना पूरे परिवार के लिए गर्व का पल है। वे चाहते हैं कि नितिन भविष्य में और मेहनत कर देश के लिए गोल्ड मेडल लाए।


गांववासियों ने भी नितिन की इस उपलब्धि पर गर्व जताया और उन्हें बधाई दी। नितिन की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो साधारण परिस्थितियों से निकलकर बड़े सपने देखता है। यह उपलब्धि न केवल जींद बल्कि पूरे हरियाणा और भारत के लिए गौरव का विषय है।