टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटरों के बचपन के कोच: शिक्षक दिवस पर विशेष

टीम इंडिया की सफलता के पीछे कोचों का योगदान

भारतीय क्रिकेट टीम इस समय अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर है, जिसने हाल ही में दो आईसीसी टूर्नामेंट जीते हैं। अब उनकी नजर एशिया कप पर है, जिसे वे जीतने की पूरी कोशिश करेंगे। इस सफलता के पीछे खिलाड़ियों का योगदान तो है ही, लेकिन उनके कोचों का भी महत्वपूर्ण रोल है। आज शिक्षक दिवस के अवसर पर, हम आपको टीम इंडिया के 10 प्रमुख खिलाड़ियों के कोचों के बारे में बताएंगे।
टीम इंडिया के टॉप-10 खिलाड़ियों के कोच
शुभमन गिल
शुभमन गिल, जो टीम इंडिया के एक प्रमुख बल्लेबाज हैं, ने अपने करियर की शुरुआत अपने पिता लखविंदर सिंह गिल से की। बाद में, उन्होंने केआर मंगवानी की अकादमी में प्रशिक्षण लिया और युवराज सिंह के साथ भी समय बिताया।
यशस्वी जायसवाल
यशस्वी जायसवाल ने मुंबई में क्रिकेट का सपना देखने के बाद ज्वाला सिंह की अकादमी में दाखिला लिया। ज्वाला सिंह ने न केवल उन्हें क्रिकेट सिखाया, बल्कि उन्हें मुंबई में रहने के लिए भी मदद की।
विराट कोहली
विराट कोहली ने दिल्ली के कोच राजकुमार शर्मा की अकादमी में प्रशिक्षण लिया और कई वर्षों तक उनके मार्गदर्शन में रहे। आज भी, वे कई अवसरों पर राजकुमार शर्मा के साथ देखे जाते हैं।
रोहित शर्मा
रोहित शर्मा के कोच दिनेश लाड ने उन्हें बल्लेबाजी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रेरित किया, जिससे वे आज के सबसे खतरनाक सलामी बल्लेबाज बन गए।
एमएस धोनी
धोनी के स्कूल के पीटी टीचर केशव बैनर्जी ने उन्हें क्रिकेट में ध्यान देने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने विकेटकीपर बनने का निर्णय लिया।
जसप्रीत बुमराह
जसप्रीत बुमराह ने किशोर त्रिवेदी की अकादमी में प्रशिक्षण लिया और 12 साल की उम्र में गेंदबाजी की कला सीखी।
सचिन तेंदुलकर
सचिन के बचपन के कोच रमाकांत आचरेकर ने उन्हें क्रिकेट में मार्गदर्शन किया और उनके करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
युवराज सिंह
युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने उन्हें क्रिकेट में प्रेरित किया और उनके कोच रहे हैं।
अभिषेक शर्मा
अभिषेक शर्मा ने राजकुमार शर्मा की अकादमी में प्रशिक्षण लिया और युवराज सिंह के साथ भी काम किया।
श्रेयस अय्यर
श्रेयस अय्यर ने प्रवीण आमरे की कोचिंग में अपने खेल को निखारा और उनकी मदद से उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में सुधार किया।