दिव्या देशमुख ने शतरंज विश्व कप जीतकर रचा नया इतिहास

दिव्या देशमुख की ऐतिहासिक जीत
नई दिल्ली: भारत की 19 वर्षीय शतरंज की प्रतिभा, दिव्या देशमुख, ने फिडे महिला शतरंज विश्व कप का खिताब जीतकर एक नया इतिहास रच दिया है। जॉर्जिया के बटूमी में आयोजित इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट के फाइनल में, उन्होंने भारत की दिग्गज ग्रैंडमास्टर कोनेरू हंपी को एक रोमांचक टाई-ब्रेकर मुकाबले में हराया। इस जीत के साथ, दिव्या विश्व कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं।
फाइनल मुकाबला भारतीय शतरंज के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जिसमें दो पीढ़ियों की दिग्गज खिलाड़ी आमने-सामने थीं। क्लासिकल फॉर्मेट के दोनों खेल ड्रॉ रहने के बाद, मुकाबला टाई-ब्रेकर में गया, जहां दिव्या ने अपनी युवा ऊर्जा और रणनीति से हंपी को मात दी।
विश्व चैंपियन बनने के बाद, दिव्या अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाईं और उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए। यह एक भावुक क्षण था, जिसमें एक ओर भारत की बेटी की आंखों में विजय के आंसू थे, वहीं दूसरी ओर हंपी को फाइनल में पहुंचकर भी खिताब से चूकने का दुख था। हालांकि, हंपी ने भी फाइनल तक पहुंचकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया और भारत के लिए रजत पदक सुनिश्चित किया।
इस जीत ने न केवल दिव्या को विश्व शतरंज के शीर्ष पर पहुंचाया, बल्कि यह भारतीय शतरंज के उज्ज्वल भविष्य का भी प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देशभर से दोनों खिलाड़ियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाइयां मिल रही हैं।