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निकोलस पूरन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास: कारण और प्रभाव

वेस्टइंडीज के बल्लेबाज निकोलस पूरन ने केवल 29 वर्ष की आयु में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। उनके इस फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है, खासकर उनके कमाई के मुद्दों के कारण। पूरन ने आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए शानदार प्रदर्शन किया था, लेकिन अब वे लीग क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय ले सकते हैं। जानें उनके संन्यास के पीछे की वजहें और अन्य खिलाड़ियों के अनुभव।
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निकोलस पूरन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास: कारण और प्रभाव

निकोलस पूरन का संन्यास

निकोलस पूरन का संन्यास: वेस्टइंडीज के प्रमुख बल्लेबाज निकोलस पूरन ने केवल 29 वर्ष की आयु में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का निर्णय लिया है, जिससे उनके प्रशंसक चौंक गए हैं। आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए उनके शानदार प्रदर्शन के बावजूद, उनके इस फैसले ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। पूरन के संन्यास का एक मुख्य कारण उनकी अंतरराष्ट्रीय मैचों की कम फीस बताई जा रही है, जो फ्रेंचाइजी लीग की तुलना में काफी कम है।


वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड की फीस

वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड से कमाई


अपने 9 साल के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में, पूरन ने 61 वनडे और 104 टी20 मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग का प्रदर्शन किया। पूरन विभिन्न देशों की फ्रेंचाइजी लीग में भी खेलते रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड पूरन को एक वनडे मैच के लिए 1,96,946 रुपये और टी20 मैच के लिए 1,48,566 रुपये की फीस देता था।


आईपीएल में पूरन का प्रदर्शन


आईपीएल में, पूरन को लखनऊ सुपर जायंट्स ने 21 करोड़ रुपये में रिटेन किया था, जिसमें उन्होंने 14 मैच खेले। यह भी संभव है कि पूरन अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को छोड़कर लीग क्रिकेट पर अधिक ध्यान केंद्रित करेंगे। इसके अलावा, उन्हें साउथ अफ्रीका टी20 लीग, आईएलटी20 लीग और कैरेबियन प्रीमियर लीग में भी खेलते हुए देखा जाता है।


अन्य खिलाड़ियों का संन्यास

अन्य खिलाड़ियों का उदाहरण


वेस्टइंडीज के कई अन्य प्रमुख खिलाड़ियों ने भी फ्रेंचाइजी क्रिकेट को प्राथमिकता देते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया है, जैसे क्रिस गेल, कीरोन पोलार्ड और ड्वेन ब्रावो। ये खिलाड़ी भी विभिन्न लीगों में अपने कौशल का प्रदर्शन करते रहे हैं। वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है कि उनके खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम को छोड़कर फ्रेंचाइजी लीग की ओर बढ़ रहे हैं।