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पंजाब के पहलवानों ने कुश्ती फेडरेशन की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई

पंजाब के पहलवानों ने भारतीय कुश्ती फेडरेशन की मनमानी के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई है। करतार सिंह ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि फेडरेशन ने राज्यों की कुश्ती एसोसिएशनों को भंग कर नए सदस्यों को शामिल किया है। इस अन्याय के खिलाफ 9 दिसंबर को चुनाव के विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जानें इस संघर्ष की पूरी कहानी और पहलवानों की मांगें।
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पंजाब के पहलवानों ने कुश्ती फेडरेशन की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई

कुश्ती फेडरेशन की दबंगई पर उठी आवाज

चंडीगढ़- भारतीय कुश्ती फेडरेशन ने पहलवानों के साथ नाइंसाफी करने के बाद अब राज्यों की कुश्ती एसोसिएशनों पर भी दबाव डालना शुरू कर दिया है। फेडरेशन जबरन एसोसिएशनों को भंग कर अपनी मर्जी से नए सदस्य बनाकर चुनाव कराने की कोशिश कर रहा है, जिसका विरोध पूरे कुश्ती समुदाय द्वारा किया जा रहा है।


यह जानकारी पंजाब कुश्ती एसोसिएशन के लाइफ प्रेसीडेंट और पद्मश्री ओलंपियन पहलवान करतार सिंह ने चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने विभिन्न जिला कुश्ती एसोसिएशनों के पदाधिकारियों और पहलवानों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की।


करतार सिंह ने बताया कि भारतीय कुश्ती फेडरेशन, जो बृज भूषण सिंह और संजय सिंह के नेतृत्व में कार्यरत है, ने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में नई एसोसिएशनों का गठन किया है। अब पंजाब में उनकी एसोसिएशन को भंग कर एक एडहॉक कमेटी द्वारा 9 दिसंबर को चुनाव की घोषणा की गई है। इस चुनाव में 46 वोटर सदस्यों में से 36 को हटाकर नए सदस्यों को वोटर बनाया गया है, जिनका कुश्ती से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि इस अन्याय के खिलाफ 9 दिसंबर को होने वाले चुनाव के विरुद्ध पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।


करतार सिंह ने आगे कहा कि पंजाब कुश्ती एसोसिएशन के चुनाव जुलाई 2022 में हुए थे, जिनकी अवधि जुलाई 2026 तक है। लेकिन फेडरेशन ने अपने चहेतों को आगे लाने के लिए बहानेबाज़ी करते हुए एसोसिएशन को भंग कर दिया और जय प्रकाश की अगुवाई में तीन सदस्यीय एडहॉक कमेटी बना दी। इस कमेटी ने 9 दिसंबर को चुनाव की घोषणा करते हुए 46 वोटर सदस्यों में से 36 को बदल दिया।


प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमनवीर सिंह, कुलवंत सिंह, आदित्य कुंडू, सरबजीत सिंह बाला, मुकेश कुमार, कुलदीप सिंह, मोहम्मद खालिद थिंद, अरफान अंजुम, गुरमीत सिंह, सुखमंदर सिंह, विश्वजीत सिंह, अशोक कुमार, एडवोकेट हरिंदर सिंह घुंमण, और सुखरीव चंद ने एकजुट होकर भारतीय कुश्ती फेडरेशन की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई और इस अन्याय के खिलाफ संघर्ष करने का संकल्प लिया।