पुजारा की कमेंट्री में नई पारी, टीम इंडिया से बाहर होने के बाद क्या होगा आगे?

टीम इंडिया की एशिया कप चर्चा

टीम इंडिया: वर्तमान में एशिया कप 2025 को लेकर भारत में काफी चर्चा हो रही है। हर जगह, क्रिकेट प्रेमियों से लेकर चाय की दुकानों पर बैठे लोगों तक, एक ही सवाल है—क्या भारत चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद एशिया कप भी जीत पाएगा? इस बीच, कई अनुभवी खिलाड़ी अपनी प्रतिभा से टीम की उम्मीदों को बढ़ा रहे हैं, जबकि कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है।
पुजारा का नया सफर
बल्ला छोड़कर माइक थामे पुजारा
चेतेश्वर पुजारा, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में भारत को कई बार मुश्किल परिस्थितियों से निकाला है, अब टीम इंडिया से बाहर हैं और कमेंट्री में सक्रिय हो गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में टीम में कई बदलाव हुए हैं, जिससे युवा खिलाड़ियों को अधिक मौके मिले हैं, जबकि अनुभवी खिलाड़ियों को नजरअंदाज किया गया है। पुजारा इस सूची में सबसे ऊपर हैं।
2023 की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल के बाद से उन्हें एक भी मैच में खेलने का मौका नहीं मिला है। 37 वर्षीय पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया, फिर भी उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया।
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि पुजारा की टीम में वापसी अब बेहद कठिन है। चयनकर्ता युवा खिलाड़ियों पर भरोसा कर रहे हैं, और सीनियर खिलाड़ियों के लिए दरवाजे लगभग बंद हो चुके हैं।
कमेंट्री में पुजारा का नया अध्याय
क्रिकेट के मैदान से कमेंट्री बॉक्स तक
टीम इंडिया में नजरअंदाज किए जाने के बाद, चेतेश्वर पुजारा ने कमेंट्री की दुनिया में कदम रखा है। हाल ही में IPL 2025 के दौरान, वह ESPNcricinfo के टाइम आउट शो में क्रिकेट विशेषज्ञ के रूप में दिखाई दिए। IPL के 40वें मैच में, जब दिल्ली और लखनऊ की टीमें आमने-सामने थीं, तब पुजारा ने अपने विश्लेषण और शांत स्वभाव से दर्शकों को क्रिकेट की बारीकियों से अवगत कराया। अब जब उन्हें मैदान पर खेलने का मौका नहीं मिल रहा, उन्होंने माइक को अपना नया हथियार बना लिया है।
क्या पुजारा लेंगे संन्यास?
संन्यास का फैसला कभी भी ले सकते हैं?
चेतेश्वर पुजारा ने भारत के लिए 103 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 19 शतक और 35 अर्धशतक की मदद से 7195 रन बनाए हैं। यह किसी भी खिलाड़ी के लिए एक शानदार करियर की मिसाल है। हालांकि, वनडे में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले। उन्होंने केवल 5 वनडे खेले, जिसमें सिर्फ 51 रन ही बना सके।
सम्मान से विदाई के हकदार हैं पुजारा
हालांकि पुजारा वर्तमान टीम के प्लान का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ भारत को कई मैच जिताए हैं।
चेतेश्वर पुजारा का करियर धैर्य, अनुशासन और संयम की मिसाल है। आज वह बल्ला छोड़कर माइक थाम चुके हैं, लेकिन क्रिकेट के प्रति उनका जुनून अब भी जीवित है। भले ही टीम इंडिया में वापसी के दरवाजे बंद हो चुके हों, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में पुजारा की जगह हमेशा बनी रहेगी।