बीकानेर के ऊन व्यापारियों ने ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ केंद्र से राहत की मांग की

ट्रंप के टैरिफ का असर
डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ: राजस्थान के बीकानेर के ऊन व्यापारियों ने केंद्र सरकार से सहायता की गुहार लगाई है। व्यापारियों का कहना है कि यदि समय पर स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो यह उनके व्यवसाय और श्रमिकों की नौकरियों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। राजस्थान वूलन इंडस्ट्री एसोसिएशन के अध्यक्ष ने केंद्र से त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता जताई है।
सरकार से सहायता की अपील
सरकार से कर रहे अनुरोध
राजस्थान वूलन इंडस्ट्री के अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बीकानेर ऊन की सबसे बड़ी मंडी है, जहां कालीनों के लिए धागों का उत्पादन होता है। ऐसे में व्यापारियों का जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि 33% टैक्स स्लैब को कम किया जाए और कालीनों पर शुल्क 5% से बढ़ाकर 15% किया जाए।
समाधान के लिए केंद्र से अपील
समाधान के लिए केंद्र से अपील
उन्होंने कहा, "सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। हम कुछ महत्वपूर्ण समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं। इसमें पहला, 1996 तक कालीन उद्योग को आयकर से छूट मिली थी, जिसे फिर से लागू करने की आवश्यकता है। ट्रंप के टैरिफ का मुकाबला करने के लिए ऊनी उद्योग पर लागू 33% आयकर स्लैब को हटाया जाना चाहिए। दूसरा, कालीन पर वर्तमान में लगाया गया 5% शुल्क बढ़ाकर 15% किया जाए।"
Rajasthan: Wool traders in Bikaner seek relief from Centre amid 50% US tariffs
— ANI Digital (@ani_digital) September 3, 2025
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व्यापारियों की चिंताएं
इस संबंध में, हमने केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड के माध्यम से ज्ञापन देकर अपनी मांगें केंद्र सरकार तक पहुँचाई हैं। यदि आवश्यक हुआ, तो हम टैरिफ के खिलाफ किसी भी स्तर पर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। बीकानेर इंडस्ट्रियल चेंबर के उपाध्यक्ष कमल बोथरा ने भी ट्रंप के टैरिफ के कारण उद्योग और रोजगार पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कई ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं और उत्पादन में भारी गिरावट आई है।