बीसीसीआई ने घरेलू सत्र के लिए स्थान परिवर्तन की घोषणा, कोलकाता और चेन्नई में बदलाव

बीसीसीआई के नए बदलावों की झलक
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने आगामी घरेलू क्रिकेट सत्र के लिए कई महत्वपूर्ण परिवर्तनों की जानकारी दी है। इनमें कुछ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मैचों के स्थानों में बदलाव शामिल हैं। ये परिवर्तन तकनीकी और सुविधाजनक कारणों से किए गए हैं, जिससे क्रिकेट प्रेमियों में नई उम्मीदें और उत्साह देखने को मिल रहा है।
कोलकाता को मिला दक्षिण अफ्रीका टेस्ट
कोलकाता को मिला दक्षिण अफ्रीका टेस्ट
पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, भारत और वेस्टइंडीज के बीच दूसरा टेस्ट मैच अक्टूबर 2025 में कोलकाता के ईडन गार्डन्स में होना था। लेकिन अब बीसीसीआई ने इसे नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में स्थानांतरित कर दिया है। वहीं, 14 नवंबर 2025 से शुरू होने वाला भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच अब दिल्ली की बजाय कोलकाता में आयोजित किया जाएगा। बीसीसीआई ने इस बदलाव की पुष्टि करते हुए कहा, “स्थान में परिवर्तन विभिन्न प्रशासनिक कारणों से किया गया है ताकि आयोजन और दर्शकों के अनुभव को बेहतर बनाया जा सके।”
चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में मरम्मत
चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में मरम्मत
भारत और ऑस्ट्रेलिया महिला टीमों के बीच होने वाली तीन मैचों की वनडे सीरीज़ का स्थल भी बदला गया है। चेन्नई का एमए चिदंबरम स्टेडियम, जहां यह मुकाबले खेले जाने थे, फिलहाल आउटफील्ड और पिच के नवीनीकरण के कारण तैयार नहीं है। इसके चलते बीसीसीआई ने सीरीज को अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है।
अब महिला वनडे सीरीज के पहले दो मैच न्यू चंडीगढ़ स्थित न्यू पीसीए स्टेडियम में खेले जाएंगे, जबकि तीसरा और अंतिम मुकाबला नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। यह निर्णय खिलाड़ियों की सुरक्षा और उच्च गुणवत्ता वाले खेल अनुभव को ध्यान में रखकर लिया गया है।
भारत ए बनाम दक्षिण अफ्रीका ए मुकाबले अब राजकोट में
भारत ए बनाम दक्षिण अफ्रीका ए मुकाबले अब राजकोट में
भारत ए और दक्षिण अफ्रीका ए के बीच प्रस्तावित तीन एकदिवसीय मुकाबले पहले बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जाने थे। अब इन्हें राजकोट के सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में स्थानांतरित किया गया है। हालांकि, बीसीसीआई ने इस स्थान परिवर्तन का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि मौसमी परिस्थितियां और पिच की स्थिति इसके पीछे का प्रमुख कारण हो सकते हैं।