भारत-इंग्लैंड टेस्ट मैच में जडेजा और सुंदर का अनोखा पल: क्या ड्रॉ से ज्यादा महत्वपूर्ण था शतक?

मैच के अंतिम क्षणों में दिलचस्पी
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट के अंतिम 30 मिनट में कुछ अप्रत्याशित घटनाएं घटीं। जब इंग्लैंड ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था, तब भारतीय बल्लेबाज रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने हाथ मिलाने से मना कर दिया और अपने-अपने शतक पूरे करने का इरादा जताया। यह निर्णय न केवल इंग्लिश टीम के लिए चौंकाने वाला था, बल्कि दर्शकों के लिए भी एक रोमांचक मोड़ था।
जडेजा और सुंदर की रणनीति
मैच के अंतिम क्षणों में, इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने गेंदबाजी में बदलाव करते हुए हैरी ब्रुक को गेंद सौंपी। ब्रुक बिना रन-अप के गेंदें डाल रहे थे और अधिकांश गेंदें फुल टॉस थीं। भारतीय बल्लेबाजों ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। सबसे पहले रवींद्र जडेजा ने अपना शतक पूरा किया और खुशी से झूम उठे। इसी दौरान ब्रुक ने एक बार फिर मैच ड्रॉ करने के लिए हाथ मिलाने का इशारा किया, लेकिन वाशिंगटन सुंदर ने इस प्रस्ताव को नजरअंदाज करते हुए जडेजा के शतक की बधाई दी।
सुंदर ने भी रचा इतिहास
जल्द ही वाशिंगटन सुंदर ने भी अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया। इसके बाद ही दोनों टीमों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और मैच औपचारिक रूप से ड्रॉ घोषित हुआ। इस घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें ब्रुक के असहज भाव और भारतीय खिलाड़ियों का आत्मविश्वास साफ नजर आया।
What was Harry Brook thinking 😂 #INDvsENG pic.twitter.com/SGK1zNcO5A
— Richard Kettleborough (@RichKettle07) July 28, 2025
इंग्लैंड की आलोचना
इस घटना के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने इंग्लिश टीम की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड को भारतीय खिलाड़ियों की महत्वाकांक्षा को समझना चाहिए था। हुसैन ने कहा, "जडेजा और सुंदर ने 80 और 90 रन तक पहुंचने के लिए मेहनत की थी और वे टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाना चाहते थे। इसमें कोई गलत बात नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "बेन स्टोक्स को ब्रुक से गेंदबाजी करवाकर खुद को हास्यास्पद स्थिति में नहीं डालना चाहिए था। टेस्ट क्रिकेट की गरिमा में यह बातें मायने रखती हैं। भारत ने अच्छा खेल दिखाया और यह श्रेय उन्हीं को मिलना चाहिए।"