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भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: बेंच पर बैठे खिलाड़ियों की कहानी

भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में कई खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ ऐसे भी थे जिन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। कुलदीप यादव, अभिमन्यु ईश्वरन और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों की अनदेखी ने क्रिकेट प्रेमियों को चौंका दिया। जानें इन खिलाड़ियों के बारे में और क्यों उन्हें बेंच पर बैठना पड़ा।
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भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज: बेंच पर बैठे खिलाड़ियों की कहानी

सीरीज का रोमांच और खिलाड़ियों का प्रदर्शन

भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में संपन्न टेस्ट सीरीज 2-2 की बराबरी पर समाप्त हुई। इस दौरान कई भारतीय खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया, जिनमें केएल राहुल, शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज शामिल हैं। इस सीरीज में अभिमन्यु ईश्वरन और अंशुल कम्बोज ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। हालांकि, कुछ खिलाड़ी ऐसे भी रहे जिन्हें पूरे सीरीज में खेलने का मौका नहीं मिला और वे बेंच पर ही बैठे रहे।


कुलदीप यादव का मौका न मिलना

स्पिन गेंदबाज कुलदीप यादव, जिनका टेस्ट में अच्छा रिकॉर्ड है, इस बार एक भी मैच में नहीं खेल पाए। इसका मुख्य कारण यह था कि टीम में रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर जैसे ऑलराउंडर्स को प्राथमिकता दी गई, जो गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी योगदान दे सकते हैं। कुलदीप एक विशेषज्ञ गेंदबाज हैं और उनकी बल्लेबाजी को कमजोर माना जाता है, शायद इसी वजह से उन्हें नजरअंदाज किया गया। कुलदीप ने अब तक 13 टेस्ट में 56 विकेट लिए हैं और जब भी उन्हें मौका मिला, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है।


अभिमन्यु ईश्वरन की अनदेखी

अभिमन्यु ईश्वरन ने घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने 100 से अधिक फर्स्ट क्लास मैचों में 7,800 से ज्यादा रन बनाए हैं और उनके नाम 27 शतक हैं। इसके बावजूद, उन्हें ना केवल इंग्लैंड दौरे पर बल्कि ऑस्ट्रेलिया में भी एक भी टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिला। टीम ने करुण नायर और साई सुदर्शन जैसे खिलाड़ियों को मौका दिया, लेकिन ईश्वरन को नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे उनकी उम्मीदों को गहरा झटका लगा।


अर्शदीप सिंह का दुर्भाग्य

तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को पहली बार टेस्ट स्क्वॉड में शामिल किया गया था। चौथे टेस्ट में उनके खेलने की संभावना थी, लेकिन दुर्भाग्यवश उन्हें चोट लग गई, जिसके कारण वह मैच से बाहर हो गए। इसके बाद, पांचवें टेस्ट में भी उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया गया। इस तरह, वह पूरी सीरीज में डेब्यू करने से चूक गए, जबकि उन्हें एक संभावनाशील गेंदबाज माना जा रहा था।