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भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट: हैरी ब्रूक की चेतावनी

भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में होने वाले चौथे टेस्ट मैच में इंग्लैंड के बल्लेबाज हैरी ब्रूक ने भारतीय टीम को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि भारत उनकी टीम की बल्लेबाजी और रनों का पीछा करने की क्षमता से डर गया है। जानें इस रोमांचक मुकाबले में क्या होगा और ब्रूक ने क्या कहा।
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भारत और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट: हैरी ब्रूक की चेतावनी

भारत और इंग्लैंड के बीच रोमांचक मुकाबला

ENG vs IND: भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में होने वाला चौथा टेस्ट मैच बेहद रोमांचक होने वाला है. इंग्लैंड के प्रमुख बल्लेबाज हैरी ब्रूक ने भारतीय टीम को एक कड़ी चेतावनी दी है. उनका मानना है कि भारत उनकी टीम की बेहतरीन बल्लेबाजी और रनों का पीछा करने की क्षमता से भयभीत है. ब्रूक ने यह भी कहा कि इसी डर के कारण भारत ने दूसरे टेस्ट में बड़ा लक्ष्य रखा था. 


गौरतलब है कि इंग्लैंड ने इस सीरीज में भारत के खिलाफ 371 रनों का विशाल लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल किया था. इसी कारण ब्रूक का मानना है कि भारत ने दूसरे टेस्ट में बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया था.


भारत का डर, इंग्लैंड का आत्मविश्वास


हैरी ब्रूक ने हाल ही में एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट का उल्लेख किया. इस मैच में भारत ने पहली पारी में 180 रनों की बढ़त बनाई और चौथे दिन के अंत तक बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के सामने 608 रनों का विशाल लक्ष्य रखा.


कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि यह भारत का जोखिम भरा निर्णय था, क्योंकि इंग्लैंड को इतना बड़ा लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित किया जा सकता था. लेकिन ब्रूक का कहना है कि भारत ने यह लक्ष्य इसलिए रखा क्योंकि उन्हें डर था कि इंग्लैंड पहले टेस्ट की तरह बड़ा लक्ष्य हासिल कर सकता है. 


ब्रूक ने कहा, "भारत ने एजबेस्टन में हमारे लिए बहुत बड़ा लक्ष्य रखा था. वे चिंतित थे कि अगर उन्होंने छोटा लक्ष्य दिया, तो हम उसे हासिल कर सकते थे. इस डर ने हमें और आत्मविश्वास दिया और अगले मैचों में हमारी मदद की." 


इंग्लैंड की जीत का जज्बा


इंग्लैंड ने इस सीरीज में अद्भुत जज्बा दिखाया है. लॉर्ड्स में खेले गए तीसरे टेस्ट में उनकी टीम ने 22 रनों की रोमांचक जीत दर्ज की. ब्रूक ने इस जीत की सराहना करते हुए कहा, "हेडिंग्ले में बड़ा लक्ष्य हासिल करना शानदार था. लॉर्ड्स में अंतिम विकेट लेने के लिए हमारी गेंदबाजों ने जो धैर्य और मेहनत दिखाई, वह अद्भुत थी. बेन स्टोक्स की कप्तानी और उनके धैर्य ने हमें जीत दिलाई. यह हर क्रिकेट प्रेमी के लिए एक रोमांचक क्षण था."