भारत की ऐतिहासिक जीत: इंग्लैंड को 6 रन से हराया
भारत और इंग्लैंड के बीच रोमांचक टेस्ट
भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए पांचवें टेस्ट में, जहां मुकाबला बेहद रोमांचक था, वहीं टीम इंडिया एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ी थी। उसे जीत और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के अंक दोनों के लिए कठिन निर्णय लेना था। टीम ने ओवर रेट की चिंता को दरकिनार करते हुए आक्रामक खेल का चयन किया, और नतीजा रहा एक ऐतिहासिक जीत, महज 6 रन से।पांचवें दिन, जब भारत इंग्लैंड से 35 रन पीछे था और खुद को चार विकेट से जीत के करीब देख रहा था, तभी मैच रेफरी जेफ क्रो ने चेतावनी दी कि भारत निर्धारित समय से छह ओवर पीछे है। यदि टीम विपक्षी बल्लेबाजों को आउट नहीं कर पाई, तो WTC के चार अंक कट जाएंगे।
इस चेतावनी ने टीम प्रबंधन को दुविधा में डाल दिया। उनके सामने दो विकल्प थे: या तो तेज गेंदबाजों को आराम देकर स्पिनरों से ओवर रेट सुधारें, या फिर जीत की ओर बढ़ते रहें, भले ही अंक कट जाएं।
इस नाजुक स्थिति में कप्तान शुभमन गिल, हेड कोच गौतम गंभीर और असिस्टेंट कोच सिताशु कोटक के बीच गहन चर्चा हुई। एक सुझाव था कि प्रसिद्ध कृष्णा के कुछ ओवरों के बाद रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर को गेंदबाजी सौंपी जाए। लेकिन इससे इंग्लैंड के बल्लेबाज ओवरटन और जेमी स्मिथ तेज रन बनाकर मैच पलट सकते थे।
गौतम गंभीर ने स्पष्ट रूप से कहा, "अगर चार अंक कट भी जाते हैं, तो कोई बात नहीं... हम सिर्फ जीतने के लिए खेलेंगे।" कप्तान गिल ने भी इस आक्रामक निर्णय का समर्थन किया। नतीजा यह रहा कि प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज को गेंदबाजी सौंपी गई और अटैक जारी रहा।
सिराज की शानदार गेंदबाजी ने इंग्लैंड की अंतिम उम्मीदों को तोड़ दिया और भारत ने 6 रन से जीत हासिल की, जिससे सीरीज 2-2 से बराबर हो गई। यह न केवल एक शानदार वापसी थी, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे जोखिम भरा निर्णय बड़ा बदलाव ला सकता है।
अगर भारत हार जाता, तो WTC में उसे दोगुना नुकसान होता — हार के साथ-साथ चार अंक की कटौती भी। इस जीत ने भारत को न केवल सीरीज में सम्मानजनक बराबरी दिलाई, बल्कि WTC में उसकी स्थिति को भी मजबूत किया।