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भारत के वस्त्र उद्योग पर अमेरिकी टैरिफ का गंभीर प्रभाव

अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ का भारत के वस्त्र उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ा है, विशेषकर तिरुपुर में। निर्यातक ऑर्डर रद्द होने और उत्पादन रोकने के कारण चिंतित हैं। इस स्थिति में, वे भविष्य की रणनीतियों पर विचार कर रहे हैं। जानें कैसे यह संकट उद्योग को प्रभावित कर रहा है और निर्यातक क्या कदम उठा रहे हैं।
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अमेरिकी टैरिफ का असर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू किए गए टैरिफ का प्रभाव भारत के विभिन्न उद्योगों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, जिसमें सबसे अधिक नुकसान वस्त्र उद्योग को हो रहा है। विशेष रूप से, तमिलनाडु के तिरुपुर जैसे प्रमुख वस्त्र उत्पादन केंद्रों में स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कई फैक्ट्रियों को अपना उत्पादन रोकना पड़ा है। अमेरिकी आयातकों ने करोड़ों रुपये के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं, जिससे व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है। अधिकांश ऑर्डर या तो रद्द हो चुके हैं या अन्य देशों की ओर स्थानांतरित हो गए हैं।


तिरुपुर के निर्यातकों का कहना है कि अमेरिका द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद उनकी सभी डीलिंग्स ठप हो गई हैं। भारतीय निर्यातकों के ऑर्डर अब बांग्लादेश, पाकिस्तान, वियतनाम और कंबोडिया जैसे देशों को मिल रहे हैं, जहां टैक्स दर भारत की तुलना में काफी कम है, जो 19 से 36 प्रतिशत के बीच है। विशेष रूप से, पाकिस्तान को अमेरिकी खरीदारों ने प्राथमिकता दी है।


एक निर्यातक ने कहा, "अब जो सामान भारत से अमेरिका भेजा जाता था, वह अधिकांशतः पाकिस्तान पहुंच रहा है। कई अमेरिकी ग्राहक ऑर्डर रोक चुके हैं। कुछ ने 25 प्रतिशत टैक्स बढ़ाने की बात की है, लेकिन अगर यह दोगुना हो गया तो यह संभव नहीं होगा।" निर्यातकों का कहना है कि टैरिफ के कारण कई उत्पादों की कीमतें 64 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी, जो हमारे प्रतिस्पर्धियों से 35 प्रतिशत अधिक हैं, जिससे व्यापार में और गिरावट आएगी.


उद्योग की रणनीति

उद्योग के प्रतिनिधियों का कहना है कि अमेरिकी खरीदारों ने टैरिफ के बाद ऑर्डर की पूर्ति फिलहाल रोक दी है। ऐसे में तिरुपुर के निर्यातक कोई बड़ा कदम उठाने से बच रहे हैं और स्थिति को समझने के लिए इंतजार कर रहे हैं। वे देखना चाहते हैं कि आगे क्या बदलाव होते हैं, ताकि उसके अनुसार रणनीति बनाई जा सके। इस बीच, भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते से तिरुपुर के व्यवसायी ब्रिटिश बाजार में नई संभावनाओं की उम्मीद कर रहे हैं.


तिरुपुर को भारत के वस्त्र उद्योग का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। उद्योग के प्रतिनिधियों के अनुसार, तिरुपुर हर साल लगभग 12,000 करोड़ रुपये का वस्त्र अमेरिका को निर्यात करता है, जो इस क्षेत्र के कुल 45,000 करोड़ रुपये वार्षिक निर्यात का लगभग 30 प्रतिशत है। तिरुपुर निर्यातक संघ के अध्यक्ष के.एम. सुब्रमणियन के अनुसार, अमेरिका के लिए 12,000 करोड़ के निर्यात में से लगभग आधा यानी 6,000 करोड़ रुपये का व्यापार इस नए टैरिफ से प्रभावित होगा। कुछ निर्यातक अभी भी स्थिति का आकलन कर अन्य विकल्पों पर विचार कर रहे हैं। वर्तमान में, जो निर्माता अमेरिका को सामान भेजते हैं, उन्होंने उत्पादन रोक दिया है।