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भारत ने मैनचेस्टर टेस्ट में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाजों के साथ रचा इतिहास

भारतीय टेस्ट क्रिकेट ने मैनचेस्टर टेस्ट में एक नया इतिहास रचा, जब टीम ने पहली बार अपनी प्लेइंग इलेवन में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाजों को शामिल किया। इस ऐतिहासिक मैच में सभी बल्लेबाजों ने अर्धशतक बनाकर अपनी छाप छोड़ी। जानें इस मैच के महत्वपूर्ण क्षणों और रणनीतियों के बारे में।
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भारत ने मैनचेस्टर टेस्ट में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाजों के साथ रचा इतिहास

भारत का ऐतिहासिक मैनचेस्टर टेस्ट

भारतीय टेस्ट क्रिकेट के 592 मैचों के इतिहास में मैनचेस्टर टेस्ट ने एक नया अध्याय जोड़ा, जब टीम इंडिया ने पहली बार अपनी प्लेइंग इलेवन में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाजों को शामिल किया। यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने इस मैच में अपनी छाप छोड़ी। खास बात यह है कि इन सभी बल्लेबाजों ने न केवल स्कोर में योगदान दिया, बल्कि अर्धशतक भी बनाए।


पहली पारी में, जायसवाल और पंत ने इंग्लैंड के गेंदबाजों पर दबाव बनाया, जबकि दूसरी पारी में सुदर्शन, जडेजा और सुंदर ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। यह आंकड़ा महत्वपूर्ण है क्योंकि भारतीय टीम इससे पहले अधिकतम चार बाएं हाथ के बल्लेबाजों के साथ खेली थी। ओल्ड ट्रैफर्ड टेस्ट में पांच बाएं हाथ के बल्लेबाजों को मौका देना एक रणनीतिक निर्णय था, जो सफल साबित हुआ।


टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय

टॉस हारकर इंडिया ने की थी पहले बल्लेबाजी


यह ध्यान देने योग्य है कि भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया। कप्तान शुभमन गिल ने लगातार चौथे मैच में टॉस गंवाया। इस मैच के लिए भारत ने अपनी प्लेइंग इलेवन में तीन महत्वपूर्ण बदलाव किए। करुण नायर की जगह साई सुदर्शन को शामिल किया गया, और अंशुल कंबोज ने इस टेस्ट में डेब्यू किया। इसके अलावा, शार्दुल ठाकुर को चोटिल आकाश दीप की जगह टीम में शामिल किया गया।


इस मैच में भारतीय टीम ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पहली बार टेस्ट क्रिकेट में एक साथ पांच बाएं हाथ के बल्लेबाजों को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया। यह रणनीति सफल रही, और सभी पांच बल्लेबाजों ने अर्धशतक बनाकर इतिहास रच दिया।