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भारत ने स्पीड स्केटिंग में पहली बार गोल्ड जीता, आनंदकुमार वेलकुमार बने चैंपियन

आनंदकुमार वेलकुमार ने 'स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025' में 1,000 मीटर स्प्रिंट में गोल्ड जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। यह भारत का पहला गोल्ड है, और पीएम मोदी ने उनकी इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। आनंदकुमार की सफलता न केवल उन्हें, बल्कि नई पीढ़ी को भी प्रेरित करेगी। जानें इस युवा चैंपियन की कहानी और उनकी उपलब्धियों के बारे में।
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भारत ने स्पीड स्केटिंग में पहली बार गोल्ड जीता, आनंदकुमार वेलकुमार बने चैंपियन

भारत का पहला स्पीड स्केटिंग गोल्ड

नई दिल्ली: आनंदकुमार वेलकुमार ने 'स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025' में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने 1,000 मीटर स्प्रिंट में स्वर्ण पदक जीता, जो इस इवेंट में भारत का पहला गोल्ड है। इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आनंदकुमार को बधाई दी।


पीएम मोदी का संदेश

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा: "स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025 में सीनियर पुरुष 1,000 मीटर स्प्रिंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले आनंदकुमार वेलकुमार पर गर्व है। उनके धैर्य और जोश ने उन्हें भारत का पहला विश्व चैंपियन बनाया है। उनकी उपलब्धि अनगिनत युवाओं को प्रेरित करेगी।"


आनंदकुमार की उपलब्धियाँ

22 वर्षीय आनंदकुमार वेलकुमार ने चीन के बेइदाइहे में चल रही 'स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025' में सीनियर मेंस 1000 मीटर स्प्रिंट रेस में 1:24.924 मिनट का समय लेकर पहला स्थान प्राप्त किया। इससे पहले, उन्होंने 500 मीटर स्प्रिंट में ब्रॉन्ज मेडल भी जीता था, जिससे भारत को पहला सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडल मिला।


जूनियर कैटेगरी में भी सफलता

जूनियर कैटेगरी में स्केटर कृष शर्मा ने भी 1,000 मीटर स्प्रिंट में गोल्ड जीता है। इस प्रकार, भारत ने स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के 1,000 मीटर स्प्रिंट में जूनियर और सीनियर दोनों इवेंट में गोल्ड अपने नाम किया है।


आनंदकुमार का शैक्षणिक पृष्ठभूमि

तमिलनाडु के निवासी आनंदकुमार वेलकुमार न केवल खेल में, बल्कि पढ़ाई में भी उत्कृष्ट हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उनका 'स्पीड स्केटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप 2025' में गोल्ड जीतना भारतीय खेलों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।


नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा

यह उपलब्धि न केवल भारत में स्पीड स्केटिंग जैसे कम लोकप्रिय खेल को पहचान दिलाएगी, बल्कि नई पीढ़ी को भी इस खेल में आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। उनकी जीत युवाओं को यह सिखाएगी कि सच्ची मेहनत से हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।