भारत-पाकिस्तान मैच में जीत के बावजूद क्यों फीका रहा उत्साह?

भारत ने पाकिस्तान को हराया, लेकिन उत्साह की कमी
एशिया कप 2025 के ग्रुप ए के मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराकर सुपर फोर में अपनी जगह सुनिश्चित की। हालांकि, इस जीत के बावजूद भारतीय टीम का माहौल उत्साह से भरा हुआ नहीं दिखा। आमतौर पर भारत-पाकिस्तान के मैचों में जो रोमांच होता है, वह इस बार गायब था।
जीत के बावजूद माहौल में कमी
यह मुकाबला केवल एक ग्रुप मैच नहीं था, बल्कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही प्रतिस्पर्धा और राजनीतिक तनाव के संदर्भ में खेला गया। दर्शकों का उत्साह चरम पर था, लेकिन खिलाड़ियों के चेहरे पर जीत की खुशी की कमी साफ नजर आ रही थी। भले ही खिलाड़ियों ने बहिष्कार की मांगों को नजरअंदाज करते हुए खेल में भाग लिया, लेकिन मैच के बाद उनके व्यवहार ने यह संकेत दिया कि इस जीत का भावनात्मक महत्व कम था।
हाथ मिलाने से बढ़ा विवाद
मैच के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। इस कदम को कुछ लोगों ने भारत की एकता का प्रतीक माना, जबकि अन्य ने इसे खेल भावना के खिलाफ बताया। उनके चेहरे के हाव-भाव से यह स्पष्ट था कि जीत से ज्यादा उनके लिए एक सिद्धांत महत्वपूर्ण था, जिससे मैदान का माहौल और तनावपूर्ण हो गया।
सुरेश रैना का विवादास्पद बयान
इस विवाद को और बढ़ावा तब मिला जब पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने कहा, “मैं पूरी जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि अगर आप खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से पूछें, तो उनमें से कोई भी एशिया कप नहीं खेलना चाहता था। वे केवल बीसीसीआई के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। मुझे दुख है कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ खेलना पड़ा, क्योंकि मुझे यकीन है कि सूर्यकुमार यादव और उनकी टीम व्यक्तिगत रूप से इस मैच से इनकार कर देते।”
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
भारतीय खिलाड़ियों द्वारा हाथ न मिलाने का पाकिस्तान में गहरा असर पड़ा है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने इस मामले में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है। पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने इसे 'जेंटलमैन गेम' की भावना के खिलाफ बताया और कड़ी आलोचना की। इसके अलावा, पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा भी पुरस्कार समारोह में शामिल नहीं हुए, जिससे विवाद और बढ़ गया।