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भारत बनाम इंग्लैंड: सिराज की गेंदबाजी में चूक ने पलटा मैच का रुख

तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी में मोहम्मद सिराज ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन एक महत्वपूर्ण मौके पर उनकी गलती ने इंग्लैंड को जीवनदान दिया। जानें कैसे जो रूट और हैरी ब्रूक की साझेदारी ने मैच का रुख पलटा और भारत को जीत की तलाश में क्या करना होगा। इस रोमांचक मुकाबले की पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें।
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भारत बनाम इंग्लैंड: सिराज की गेंदबाजी में चूक ने पलटा मैच का रुख

सिराज का शानदार प्रदर्शन

भारत और इंग्लैंड के बीच तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी में मोहम्मद सिराज ने अपनी गेंदबाजी से सभी का ध्यान खींचा है। इस श्रृंखला में उन्होंने 20 विकेट लेकर सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज का खिताब अपने नाम किया। पांचवें टेस्ट के तीसरे दिन की अंतिम गेंद पर सिराज ने ज़ैक क्रॉली को आउट किया, और चौथे दिन के पहले सेशन में ओली पोप का महत्वपूर्ण विकेट लेकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।


सिराज की एक बड़ी गलती

हालांकि सिराज ने पूरी श्रृंखला में बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन एक महत्वपूर्ण क्षण में उन्होंने एक बड़ी गलती की। 35वें ओवर में जब ब्रूक ने जोरदार शॉट खेला, सिराज बॉउंड्री पर खड़े थे। गेंद सीधे उनके हाथ में आ गई, लेकिन दुर्भाग्यवश उनका एक पैर बॉउंड्री के बाहर चला गया, जिससे ब्रूक को जीवनदान मिल गया।


भारतीय गेंदबाजी का दबदबा

सिराज के अलावा, प्रसिद्ध कृष्णा ने भी भारतीय गेंदबाजी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बेन डकेट को आउट कर भारत की स्थिति को और मजबूत किया। आकाश दीप की गेंद पर हैरी ब्रूक ने 11 रन बनाए, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने लगातार दबाव बनाए रखा। फिर भी, ब्रूक ने 34वें ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा के खिलाफ 16 रन जोड़कर इंग्लैंड की उम्मीदों को जिंदा रखा।


ब्रूक और रूट की चुनौती

चौथे दिन लंच तक इंग्लैंड का स्कोर 164/3 था, जिसमें जो रूट और हैरी ब्रूक की 63 गेंदों में 58 रनों की साझेदारी ने भारत के लिए खतरे की घंटी बजा दी। ब्रूक ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए भारतीय गेंदबाजों को परेशान किया। एक मौके पर सिराज ने ब्रूक का कैच लिया, लेकिन गेंद उनके हाथ से छूट गई, जिससे ब्रूक को एक और मौका मिला।


भारत को जीत की तलाश

भारत चौथे दिन की शुरुआत में जीत का प्रबल दावेदार था, लेकिन रूट और ब्रूक की साझेदारी ने खेल का रुख बदल दिया। इंग्लैंड को जीत के लिए अभी 210 रन चाहिए, और उनकी बल्लेबाजी में गहराई बाकी है। भारत को दूसरे सत्र में एक जादुई पल की आवश्यकता है ताकि ब्रूक और रूट की जोड़ी को तोड़ा जा सके और मैच पर नियंत्रण हासिल किया जा सके।