Newzfatafatlogo

भारत में डेटा सेंटर मार्केट का तेजी से बढ़ता हुआ विकास

भारत का डेटा सेंटर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें Reliance और Bharti Airtel जैसी कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनियां 2030 तक देश की डेटा सेंटर क्षमता का एक बड़ा हिस्सा संभाल सकती हैं। अगले पांच वर्षों में, डेटा सेंटर की क्षमता में पांच गुना वृद्धि होने की उम्मीद है, जो इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण संभव होगा। इस क्षेत्र में निवेश और विकास की संभावनाएं भी उजागर हो रही हैं। जानें इस तेजी से बढ़ते मार्केट के बारे में और क्या है इसके पीछे का कारण।
 | 
भारत में डेटा सेंटर मार्केट का तेजी से बढ़ता हुआ विकास

भारत का डेटा सेंटर मार्केट

डेटा सेंटर मार्केट: भारत में डेटा सेंटर का बाजार तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें Reliance और Bharti Airtel की महत्वपूर्ण भूमिका है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, जेफरीज ने बताया है कि ये दोनों कंपनियां AdaniConex के साथ मिलकर 2030 तक देश की डेटा सेंटर क्षमता का लगभग 35%-40% हिस्सा संभाल सकती हैं। यह दर्शाता है कि ये कंपनियां इस तेजी से बढ़ते क्षेत्र में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली हैं। अगले पांच वर्षों में, भारत में डेटा सेंटर की क्षमता पांच गुना बढ़कर 8 GW तक पहुंचने की संभावना है, जो इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के कारण संभव होगा। इस विस्तार के लिए लगभग 30 बिलियन डॉलर का निवेश आवश्यक होगा, और 2030 तक डेटा सेंटर से 8 बिलियन डॉलर की आय होने की उम्मीद है।

डेटा सेंटर डिजिटल दुनिया की रीढ़ होते हैं। ये ऐसे स्थान हैं जहां कंप्यूटर और स्टोरेज से जुड़े आवश्यक उपकरण रखे जाते हैं, जो कंपनियों को उनके कार्यों के लिए कंप्यूटर पावर और डेटा संग्रहण की सुविधा प्रदान करते हैं। इसके अलावा, डेटा सेंटर को फाइबर नेटवर्क से जोड़ना, बिजली की सही आपूर्ति सुनिश्चित करना और मशीनों को ठंडा रखना भी आवश्यक है।

कई कंपनियां अपने स्वयं के डेटा सेंटर का संचालन करती हैं, लेकिन क्लाउड तकनीक के विकास के साथ, लीज पर डेटा सेंटर की मांग भी तेजी से बढ़ी है। ऐसे डेटा सेंटर को 'कोलोकेशन' कहा जाता है, जहां ऑपरेटर कंपनियों को स्थान, बिजली, नेटवर्क और कूलिंग जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। क्लाउड सेवा प्रदाता (CSPs) इन डेटा सेंटरों में अपने सर्वर और स्टोरेज स्थापित करते हैं और फिर इन्हें अपने ग्राहकों को किराए पर देते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में डेटा का उपयोग 30 गुना बढ़ गया है।