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भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप: बड़े नामों की बर्बादी का सफर

भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर स्पॉन्सरशिप के लिए कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा हमेशा से रही है। इस लेख में हम देखेंगे कि कैसे सहारा इंडिया, स्टार इंडिया, ओप्पो, बायजू और ड्रीम 11 जैसी बड़ी कंपनियों ने टीम इंडिया के साथ जुड़कर नुकसान उठाया। जानें इन कंपनियों के उतार-चढ़ाव और स्पॉन्सरशिप के प्रभाव के बारे में।
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भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप: बड़े नामों की बर्बादी का सफर

भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर स्पॉन्सरशिप की होड़

भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर स्पॉन्सरशिप के लिए कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा हमेशा से देखने को मिलती है। भारत में क्रिकेट का बहुत बड़ा फैन बेस है, जिससे करोड़ों लोग एक साथ टीम इंडिया के मैच देखते हैं। ऐसे में टी-शर्ट स्पॉन्सर करने वाली कंपनियों को विज्ञापन के माध्यम से काफी लाभ होता है। 2023 में, ड्रीम इलेवन ने टीम इंडिया की टी-शर्ट स्पॉन्सर बनने का गौरव प्राप्त किया था। लेकिन 2025 के बाद गेमिंग बिल के लागू होने से ड्रीम 11 को बड़ा झटका लगा और बीसीसीआई के साथ उनकी डील समाप्त हो गई। यह पहली बार नहीं है, इससे पहले भी कई कंपनियों को भारतीय टीम की टी-शर्ट स्पॉन्सरशिप से नुकसान उठाना पड़ा है।


सहारा इंडिया का सफर

सहारा इंडिया ने 2001 से 2013 तक भारतीय टीम की जर्सी पर स्पॉन्सरशिप की। 12 वर्षों तक यह कंपनी टीम इंडिया की जर्सी का मुख्य स्पॉन्सर रही। हालांकि, इस लंबे सहयोग के बावजूद सहारा का व्यवसाय धीरे-धीरे गिरने लगा।


स्टार इंडिया की कहानी

2014 में, स्टार इंडिया ने बीसीसीआई के साथ अनुबंध किया, जो 2017 तक चला। टीम इंडिया की टी-शर्ट स्पॉन्सर बनने के बाद, स्टार स्पोर्ट्स का व्यवसाय भी प्रभावित हुआ। धीरे-धीरे, स्टार का विलय जियो के साथ हो गया और वॉल्ट डिज्नी के स्वामित्व वाले स्टार पर मार्केट डॉमिनेंस के दुरुपयोग का आरोप लगा, जिससे कंपनी कमजोर हो गई।


ओप्पो का अनुभव

चीनी कंपनी ओप्पो ने 2017 में बीसीसीआई के साथ 1079 करोड़ रुपये का सौदा किया, जो 5 वर्षों के लिए था। हालांकि, ओप्पो को अपेक्षित लाभ नहीं मिला और कंपनी ने बीसीसीआई के साथ करार को बीच में ही समाप्त कर दिया।


बायजू का उतार-चढ़ाव

2020 में, ओप्पो के बाद बायजू को भारतीय टीम का नया स्पॉन्सर बनाया गया। उस समय कंपनी की कमाई शानदार थी, लेकिन जल्द ही यह भी गिरावट का सामना करने लगी। 2022 तक, बायजू की वैल्यू 22 अरब डॉलर थी, लेकिन बाद में यह शून्य हो गई। कंपनी के पास बीसीसीआई को भुगतान करने के लिए पैसे खत्म हो गए, जिसके बाद बोर्ड ने 158 करोड़ रुपये की वसूली के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण की मदद ली।


ड्रीम 11 का हाल

ड्रीम 11 की डील बीसीसीआई के साथ 2023 में हुई थी, जो मार्च 2026 तक के लिए थी। लेकिन अगस्त 2025 में भारत सरकार द्वारा ऑनलाइन मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के कारण यह डील समाप्त हो गई, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ।