भारतीय क्रिकेट टीम में ब्रोंको टेस्ट की शुरुआत: तेज गेंदबाजों की नई चुनौती

ब्रोंको टेस्ट का महत्व
ब्रोंको टेस्ट: भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी अपनी फिटनेस को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। कुछ खिलाड़ी जिम में पसीना बहाते हैं, जबकि अन्य दौड़ लगाकर अपनी फिटनेस को सुधारते हैं। पहले, क्रिकेटर्स को अपनी फिटनेस साबित करने के लिए यो-यो टेस्ट से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब भारतीय टीम के स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने ब्रोंको टेस्ट का प्रस्ताव रखा है।
ब्रोंको टेस्ट की प्रक्रिया
ब्रोंको टेस्ट में क्या होगा?
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को अब अपने फिटनेस स्तर को और बेहतर बनाने के लिए ब्रोंको टेस्ट करना होगा। इस टेस्ट में 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर के कई शटल रन शामिल हैं। खिलाड़ियों को बिना ब्रेक के 6 मिनट में 5 सेट पूरे करने होते हैं। यह रग्बी-केंद्रित ब्रोंको टेस्ट उच्च फिटनेस स्तर बनाए रखने और एरोबिक क्षमता में सुधार के लिए शुरू किया गया है।
🚨 BCCI WITH BRONCO TEST. 🚨
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) August 21, 2025
Rugby-centric Bronco Test introduced to maintain high fitness level & improve aerobic capacity. (Express Sports).
A player starts with a 20m shuttle run, followed by a 40m and a 60m run. Players required to do 5 sets in 6 minutes without a break.🏃♂️
तेज गेंदबाजों के लिए नई रणनीति
एड्रियन ले रॉक्स का मानना है कि तेज गेंदबाजों को जिम पर ध्यान देने के बजाय अधिक दौड़ने की आवश्यकता है। हैड कोच गौतम गंभीर भी इस विचार से सहमत हैं। हाल ही में भारत और इंग्लैंड के बीच 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान, मोहम्मद सिराज को छोड़कर अन्य तेज गेंदबाजों का फिटनेस स्तर संतोषजनक नहीं पाया गया। जसप्रीत बुमराह तो पूरे 5 मैचों में भी नहीं खेल पाए थे।
ब्रोंको टेस्ट की प्रक्रिया
क्या होता है ब्रोंको टेस्ट?
ब्रोंको टेस्ट में खिलाड़ी 20 मीटर शटल रन से शुरुआत करता है, इसके बाद 40 मीटर और 60 मीटर का रन होता है, जो एक सेट माना जाता है। एक खिलाड़ी को बिना रुके ऐसे 5 सेट पूरे करने होते हैं, जिससे कुल मिलाकर 1,200 मीटर की दूरी तय करनी होती है। भारतीय खिलाड़ियों को यह टेस्ट 6 मिनट में पूरा करने के लिए कहा गया है।