भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक जीत: कोच अमोल मजूमदार का जादू
महिला क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वनडे विश्व कप जीतकर एक नया इतिहास लिखा है। इस जीत के बाद खिलाड़ियों की आंखों में खुशी के आंसू थे, क्योंकि यह वह क्षण था जिसका देश को लंबे समय से इंतजार था। इस ऐतिहासिक सफलता के पीछे एक ऐसा नाम है, जिसने खुद कभी भारत के लिए नहीं खेला, लेकिन टीम इंडिया को विश्व चैंपियन बना दिया, वह हैं अमोल मजूमदार।
कोचिंग में बदलाव लाने वाले अमोल मजूमदार
अमोल मजूमदार की कोचिंग में भारतीय महिला टीम ने वह कर दिखाया जो पहले कभी संभव नहीं था। 2005 और 2017 में भारत फाइनल तक पहुंचा, लेकिन खिताब नहीं जीत सका। इस बार कोच मजूमदार का जुनून और खिलाड़ियों का समर्पण रंग लाया। उन्होंने न केवल खिलाड़ियों की तकनीकी कमियों पर ध्यान दिया, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और जीत की भूख भी जगाई।
कोचिंग का सफर
अमोल मजूमदार ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया था, जिसमें उन्होंने 171 फर्स्ट क्लास मैचों में 11,000 से अधिक रन बनाए और 30 शतक जड़े। हालांकि, उन्हें कभी भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। 2014 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, उन्होंने कोचिंग को अपना नया लक्ष्य बनाया। नीदरलैंड, दक्षिण अफ्रीका और राजस्थान रॉयल्स जैसी टीमों के साथ काम करते हुए, उन्होंने खुद को एक समझदार और शांत कोच के रूप में स्थापित किया।
अक्टूबर 2023 में जब उन्हें भारतीय महिला टीम की कमान सौंपी गई, तब कई लोगों ने उन पर सवाल उठाए। लेकिन उन्होंने अपने काम से सभी आलोचकों को चुप कर दिया। विश्व कप के दौरान शुरुआती तीन हार के बावजूद, उन्होंने टीम का मनोबल बनाए रखा।
खिलाड़ियों को प्रेरित करने वाला कोच
इंग्लैंड से हार के बाद, मजूमदार ने खिलाड़ियों से कहा कि वे यह मैच आसानी से जीत सकते थे। इसके बाद उन्होंने टीम को मानसिक रूप से मजबूत किया। हरमनप्रीत कौर ने बताया कि सेमीफाइनल से पहले कोच ने व्हाइटबोर्ड पर बस एक लाइन लिखी कि हमें बस उनसे ज्यादा रन चाहिए। इस साधारण वाक्य ने खिलाड़ियों के भीतर जोश भर दिया। जेमिमा रॉड्रिग्स की शानदार पारी ने उसी आत्मविश्वास को दर्शाया।
जीत के बाद का भावुक क्षण
फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराने के बाद, जब पूरा स्टेडियम जश्न में डूबा था, तब अमोल मजूमदार शांत खड़े थे, उनकी आंखों में आंसू थे। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा क्षण था। उनका सपना साकार हो गया था। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में हरमनप्रीत कौर ने उनके पैर छुए और गले लगाया, जो उनके प्रति सम्मान और आभार की सबसे सुंदर तस्वीर बन गई।
