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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जीता 2025 का विश्व कप: हरमनप्रीत कौर का ऐतिहासिक पल

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2025 का विश्व कप जीतकर इतिहास रच दिया है। नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका को हराकर हरमनप्रीत कौर ने एक नया अध्याय लिखा। उनकी कप्तानी में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा का योगदान महत्वपूर्ण रहा। हरमनप्रीत का 'गावस्कर पल' और उनकी भावुक बातें दर्शाते हैं कि यह जीत केवल एक शुरुआत है। जानें इस ऐतिहासिक जीत के बारे में और भी दिलचस्प बातें।
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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जीता 2025 का विश्व कप: हरमनप्रीत कौर का ऐतिहासिक पल

भारत ने आईसीसी खिताब पर किया कब्जा


मुंबई: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आखिरकार आईसीसी खिताब का इंतजार खत्म कर दिया है। नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में सोमवार रात, टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर 2025 महिला विश्व कप अपने नाम किया। जब जीत का क्षण आया, तो हरमनप्रीत कौर का शांत चेहरा और उनका एक छोटा सा इशारा पूरे देश के दिलों में बस गया। उन्होंने जीत की गेंद को अपनी जेब में डाल लिया, ठीक उसी तरह जैसे सुनील गावस्कर ने 1983 में भारत की पहली विश्व कप जीत के बाद किया था।


हरमनप्रीत का 'गावस्कर पल'

मैच के अंतिम ओवर में, दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाज नादिन डी क्लार्क ने कवर की दिशा में एक जोरदार शॉट खेला, लेकिन हरमनप्रीत कौर ने शानदार छलांग लगाकर कैच लपक लिया। जैसे ही भारतीय टीम जश्न मनाने के लिए दौड़ी, हरमनप्रीत मुस्कुराईं, गेंद उठाई और उसे अपनी जेब में डाल लिया। यह दृश्य पूरे स्टेडियम में गूंज उठा, एक ऐसा पल जिसने भारतीय क्रिकेट के इतिहास को फिर से जोड़ दिया।


कप्तान के रूप में ऐतिहासिक पारी

हरमनप्रीत अब उन चुनिंदा कप्तानों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने भारत को विश्व कप जिताया है। कपिल देव (1983), एमएस धोनी (2011) और अब हरमनप्रीत कौर (2025)। भारत की जीत कई खिलाड़ियों के सामूहिक प्रयास का परिणाम थी। शेफाली वर्मा ने 87 रनों की विस्फोटक पारी खेलकर शानदार शुरुआत दी। दीप्ति शर्मा ने बल्ले और गेंद दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन किया। गेंदबाजों ने दबाव में संयम दिखाया और दक्षिण अफ्रीका को 299 के लक्ष्य तक पहुंचने से रोका।


हरमनप्रीत के रणनीतिक निर्णय भी अद्भुत रहे। उन्होंने जब शेफाली को गेंद थमाई, जिन्होंने वनडे में इससे पहले केवल 14 ओवर फेंके थे, तो यह एक जोखिम भरा लेकिन निर्णायक फैसला था। शेफाली ने तुरंत सुने लुस और मारिज़ैन कैप के महत्वपूर्ण विकेट लेकर मैच को भारत के पक्ष में मोड़ दिया।


यह अंत नहीं, एक नई शुरुआत है

मैच के बाद हरमनप्रीत ने भावुक होकर कहा कि यह जीत एक नए युग की शुरुआत है। हम इस बाधा को तोड़ना चाहते थे और अब इसे आदत बनाने का समय है। आने वाले समय में हम और मजबूत होकर लौटेंगे — यह अंत नहीं, बस शुरुआत है। उनकी यह बात दर्शाती है कि भारतीय महिला क्रिकेट अब आत्मविश्वास और निरंतरता के नए दौर में प्रवेश कर चुका है।


जश्न का संगम

जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारतीय तिरंगा लहराता रहा, और भीड़ भारत माता की जय के नारों से गूंज उठी। लेकिन शोर के बीच हरमनप्रीत का वह शांत क्षण गेंद को जेब में डालना सबसे ज्यादा गूंजा। वह पल केवल एक जीत का नहीं, बल्कि 1983 के लॉर्ड्स से लेकर 2025 के नवी मुंबई तक भारत की क्रिकेट यात्रा के पूर्ण चक्र का प्रतीक बन गया।