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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जीता पहला विश्व कप, प्रतिका रावल की प्रेरणादायक कहानी

भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2025 में नवी मुंबई में आयोजित विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका को हराकर अपना पहला खिताब जीता। इस जीत में चोटिल ओपनर प्रतिका रावल की हिम्मत ने सभी का दिल जीत लिया। व्हीलचेयर पर मैदान में आकर तिरंगा ओढ़कर जश्न मनाने वाली प्रतिका की कहानी हर किसी को प्रेरित कर रही है। जानें इस ऐतिहासिक जीत के बारे में और प्रतिका के जश्न का भावुक पल।
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भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जीता पहला विश्व कप, प्रतिका रावल की प्रेरणादायक कहानी

नवी मुंबई में ऐतिहासिक जीत


नवी मुंबई: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। नवंबर 2025 में डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका को हराकर टीम ने अपना पहला विश्व कप खिताब जीता। इस जीत को और भी खास बनाते हुए, चोटिल ओपनर प्रतिका रावल ने अपनी हिम्मत दिखाई।


प्रतिका, जो टूटी टांग के बावजूद व्हीलचेयर पर मैदान में आईं, ने तिरंगा ओढ़कर जश्न मनाया। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों को भावुक कर रहा है। उल्लेखनीय है कि वे सेमीफाइनल से पहले चोटिल हो गई थीं।


प्रतिका की शानदार शुरुआत

प्रतिका रावल भारतीय टीम की प्रमुख ओपनर थीं। स्मृति मंधाना के साथ मिलकर उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन साझेदारियां कीं। उनकी तकनीक और धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी ने उन्हें लीग स्टेज में लगातार रन बनाने में मदद की। विश्व कप 2025 में उन्होंने छह पारियों में 308 रन बनाए, जिनकी औसत 51.33 रही।


हालांकि, लीग स्टेज के अंतिम मैच में बांग्लादेश के खिलाफ बारिश से प्रभावित मुकाबले में उन्हें चोट लग गई, जिससे वे टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। टीम को जल्दी में शेफाली वर्मा को बुलाना पड़ा।


फाइनल में भारत की शानदार जीत

फाइनल में शेफाली ने कमाल किया। उन्होंने 87 रन बनाए और गेंदबाजी में दो महत्वपूर्ण विकेट भी लिए। भारत ने 298 रन का स्कोर खड़ा किया और दक्षिण अफ्रीका को 246 रन पर रोक दिया। इस प्रकार, टीम ने 52 रन से विश्व कप अपने नाम किया। इस मैच में शेफाली को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।


प्रतिका रावल का भावुक जश्न

प्रतिका का जश्न


जीत के बाद मैदान में जश्न का माहौल था। टीम ने प्रतिका को नहीं भुलाया। बैसाखी के सहारे वे ग्रुप में शामिल हुईं। बाद में व्हीलचेयर पर बैठकर तिरंगा ओढ़े वे खुशी से झूम रही थीं। वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे वे साथियों के साथ हंस रही हैं और पल का आनंद ले रही हैं।


यह दृश्य देखकर आंखें नम हो जाती हैं। फाइनल नहीं खेल पाने के बावजूद प्रतिका की मौजूदगी और योगदान कम नहीं था। उनकी बल्लेबाजी और मंधाना के साथ शुरुआती साझेदारियां इस जीत की नींव बनीं।