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भारतीय महिला क्रिकेट में नई चमक: वैष्णवी शर्मा का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा लेफ्ट आर्म स्पिनर वैष्णवी शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। इस लेख में उनके प्रेरणादायक सफर, घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन और परिवार के योगदान के बारे में जानें। क्या आप जानते हैं कि वैष्णवी ने अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी शानदार प्रदर्शन किया था? पढ़ें पूरी कहानी!
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भारतीय महिला क्रिकेट में नई चमक: वैष्णवी शर्मा का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू

IND W vs SL W: वैष्णवी शर्मा का पहला मैच


IND W vs SL W: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने श्रीलंका के खिलाफ पांच मैचों की टी20 श्रृंखला की शुरुआत विशाखापत्तनम में की। पहले मैच में, जो रविवार (21 दिसंबर 2025) को खेला गया, भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। इस मैच में 20 वर्षीय युवा लेफ्ट आर्म स्पिनर वैष्णवी शर्मा ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की। मैच से पहले, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने उन्हें डेब्यू कैप प्रदान की।


वैष्णवी शर्मा का प्रेरणादायक सफर

वैष्णवी का जन्म 18 दिसंबर 2005 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ। वह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भारतीय सीनियर टीम में शामिल होने वाली पहली महिला क्रिकेटर हैं। घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन ने सभी को प्रभावित किया है। सीनियर महिला टी20 ट्रॉफी में मध्य प्रदेश के लिए 11 मैचों में 21 विकेट लेकर उन्होंने सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। इंटर-जोनल टी20 में सेंट्रल जोन से 5 मैचों में 12 विकेट भी लिए।


इस साल की शुरुआत में अंडर-19 टी20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में वैष्णवी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 17 विकेट लेकर सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज का खिताब जीता। मलेशिया के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में उन्होंने 5/5 लेकर हैट्रिक ली, जो किसी भारतीय महिला का अंडर-19 वर्ल्ड कप में पहला हैट्रिक था। वह लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर हैं और दाएं हाथ से बल्लेबाजी भी करती हैं।




परिवार का योगदान

वैष्णवी के पिता, प्रोफेसर नरेंद्र शर्मा, एक ज्योतिषी हैं और जिवाजी यूनिवर्सिटी में एस्ट्रोलॉजी पढ़ाते हैं। उन्होंने बचपन में बेटी की कुंडली देखकर उसे क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। महामारी के दौरान परिवार ने आर्थिक कठिनाइयों का सामना किया, यहां तक कि उन्हें अपना घर भी बेचना पड़ा, लेकिन वैष्णवी के क्रिकेट करियर पर इसका कोई असर नहीं पड़ा।


उनकी मां, आशालता शर्मा, एक गृहिणी हैं और पूरे परिवार ने वैष्णवी का पूरा समर्थन किया। उन्होंने चार-पांच साल की उम्र से तानसेन क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया।