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भारतीय मुक्केबाज़ Meenakshi Hooda ने विश्व चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक

भारतीय मुक्केबाज़ Meenakshi Hooda ने 14 सितंबर को विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप 2025 में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। लिवरपूल में आयोजित इस प्रतियोगिता में, उन्होंने कज़ाखिस्तान की नाजिम काइज़ेबे को 4-1 से हराया। यह उनकी और काइज़ेबे की दूसरी भिड़ंत थी, जिसमें मीनाक्षी ने अपनी पुरानी हार का बदला लिया। इस जीत के साथ, मीनाक्षी दूसरी भारतीय महिला बनीं जिन्होंने इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता। जानें इस ऐतिहासिक जीत के पीछे की कहानी और भारतीय महिला मुक्केबाज़ों की ताकत के बारे में।
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भारतीय मुक्केबाज़ Meenakshi Hooda ने विश्व चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण पदक

Meenakshi Hooda ने स्वर्ण पदक जीता

Meenakshi Hooda ने स्वर्ण पदक जीता: भारतीय मुक्केबाज़ मीनाक्षी हुड्डा ने 14 सितंबर को विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप 2025 में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। यह प्रतियोगिता लिवरपूल में आयोजित की गई थी, जहां मीनाक्षी ने 48 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में कज़ाखिस्तान की अनुभवी मुक्केबाज़ और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता नाजिम काइज़ेबे को हराया। यह जीत 4-1 के विभाजित निर्णय से मिली, जिससे मीनाक्षी ने अपनी पुरानी हार का बदला भी लिया।


मुकाबले में मीनाक्षी का आक्रामक रुख

मीनाक्षी ने आक्रामक रुख अपनाया

मुकाबले की शुरुआत से ही मीनाक्षी ने आक्रामक रुख अपनाया और पहले राउंड में शानदार प्रदर्शन करते हुए 4-1 से बढ़त बनाई। दूसरे राउंड में कज़ाख मुक्केबाज़ ने वापसी करते हुए मीनाक्षी को चुनौती दी और राउंड 3-2 से जीत लिया। तीसरे राउंड में दोनों खिलाड़ियों के बीच जोरदार टक्कर देखने को मिली, लेकिन मीनाक्षी की फुर्ती और रणनीति ने उन्हें निर्णायक बढ़त दिलाई। निर्णायकों में से चार ने उनके पक्ष में वोट दिया और मुकाबला 4-1 से मीनाक्षी के नाम रहा।


मीनाक्षी और काइज़ेबे की दूसरी भिड़ंत

मीनाक्षी और काइज़ेबे के बीच दूसरी बड़ी भिड़ंत

यह मुकाबला मीनाक्षी और काइज़ेबे के बीच दूसरी बड़ी भिड़ंत थी। इससे पहले दोनों की टक्कर 2025 के अस्ताना विश्व कप फाइनल में हुई थी, जहां मीनाक्षी को हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार मीनाक्षी ने न केवल स्वर्ण पदक जीता, बल्कि पिछली हार का बदला भी लिया।


भारत की दूसरी स्वर्ण पदक विजेता

जूलिया सेरेमेटा ने दिलाया था पहला स्वर्ण पदक

मीनाक्षी इस टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज़ बनीं। इससे पहले जैस्मीन ने 57 किग्रा वर्ग में जूलिया सेरेमेटा को हराकर भारत को पहला स्वर्ण दिलाया था। वहीं, नूपुर श्योराण को फाइनल में पोलैंड की अगाता काज़्मार्स्का से करीबी मुकाबले में 2-3 से हारकर रजत से संतोष करना पड़ा। पूजा रानी ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता, हालांकि वह सेमीफाइनल में एमिली एस्क्विथ से 1-4 से हार गई थीं।


भारतीय महिला मुक्केबाज़ों की ताकत

भारतीय महिला मुक्केबाज़ों की ताकत 

इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के साथ भारतीय महिला मुक्केबाज़ों ने विश्व मंच पर अपनी ताकत फिर से साबित कर दी है। मीनाक्षी की यह जीत न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि देश के लिए गर्व का विषय भी है।