महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025: इनामी राशि में ऐतिहासिक वृद्धि, भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खिताबी मुकाबला
महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 का रोमांचक समापन
मुंबई: महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 अपने अंतिम चरण में पहुँच चुका है। 2 नवंबर को भारत और साउथ अफ्रीका की टीमें नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में खिताबी मुकाबले के लिए आमने-सामने होंगी। यह मैच न केवल विश्व चैंपियन का निर्धारण करेगा, बल्कि महिला क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी इनामी राशि का भी गवाह बनेगा।
इनामी राशि में अभूतपूर्व वृद्धि
आईसीसी ने इस बार महिला वर्ल्ड कप के लिए इनामी राशि में अभूतपूर्व वृद्धि की है। पिछले संस्करण की तुलना में इस बार पुरस्कार राशि में 297 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इसका मतलब है कि विजेता टीम न केवल इतिहास रचेगी, बल्कि करोड़ों रुपए की भी मालिक बनेगी।
पिछले महिला विश्व कप में कुल इनामी राशि 1.32 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 11.65 करोड़ रुपए) थी, लेकिन इस बार यह राशि कई गुना बढ़ गई है। आईसीसी के चेयरमैन जय शाह ने सितंबर 2025 में इस नई इनामी राशि की घोषणा की थी।
महिला वर्ल्ड कप की इनामी राशि पुरुष वर्ल्ड कप से भी अधिक
महिला वनडे वर्ल्ड कप 2025 का इनामी ढांचा अब पुरुष वर्ल्ड कप 2023 को भी पीछे छोड़ चुका है। पुरुष वर्ल्ड कप की कुल पुरस्कार राशि 10 मिलियन डॉलर (लगभग 88.26 करोड़ रुपए) थी, जबकि इस बार महिला वर्ल्ड कप की कुल प्राइज मनी 122 करोड़ रुपए से अधिक रखी गई है। यह दर्शाता है कि महिला क्रिकेट अब न केवल लोकप्रियता में, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी नई ऊंचाइयों को छू रही है।
महिला वर्ल्ड कप 2025 की इनामी राशि का विवरण
- विजेता टीम: 4.48 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 39.77 करोड़ रुपए)
- उपविजेता टीम: 2.24 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 19.88 करोड़ रुपए)
- सेमीफाइनल में हारने वाली टीमें: 1.12 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 9.94 करोड़ रुपए)
- 5वें और 6वें स्थान पर रहने वाली टीमें: 7 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 6.17 करोड़ रुपए)
- 7वें और 8वें स्थान की टीमें: 2.8 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.5 करोड़ रुपए)
- हर टीम के लिए भागीदारी राशि: 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 2.2 करोड़ रुपए)
- प्रत्येक ग्रुप मैच जीत पर: 34,314 अमेरिकी डॉलर (लगभग 30 लाख रुपए)
महिला क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक क्षण
यह पहली बार है जब महिला क्रिकेट को इतनी बड़ी आर्थिक मान्यता मिली है। यह न केवल खिलाड़ियों की मेहनत का सम्मान है, बल्कि खेल के वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रभाव का भी प्रमाण है। भारत और साउथ अफ्रीका, दोनों ही टीमें अब तक वर्ल्ड कप नहीं जीत पाई हैं, ऐसे में विजेता टीम इतिहास के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी समृद्ध हो जाएगी।
आईसीसी का यह कदम महिला क्रिकेट को और अधिक पेशेवर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा। खिलाड़ियों को अब मैदान पर प्रदर्शन के साथ उनकी मेहनत का सही पुरस्कार भी मिल रहा है।
