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महिला विश्व कप में भारत की ऐतिहासिक जीत: शेफाली वर्मा का शानदार प्रदर्शन

भारत की महिला क्रिकेट टीम ने नवी मुंबई में आयोजित विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार खिताब जीता। इस जीत में शेफाली वर्मा ने 87 रन बनाकर और दो विकेट लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने शेफाली को गेंद सौंपने का निर्णय लिया, जो मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। जानिए इस ऐतिहासिक जीत के पीछे की कहानी और शेफाली की तैयारी के बारे में।
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महिला विश्व कप में भारत की ऐतिहासिक जीत: शेफाली वर्मा का शानदार प्रदर्शन

नवी मुंबई में भारत की पहली विश्व कप जीत


नवी मुंबई: भारत ने महिला विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार खिताब अपने नाम किया। इस शानदार जीत में शेफाली वर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने पहले बल्लेबाजी करते हुए 87 रन बनाए और फिर गेंदबाजी में दो महत्वपूर्ण विकेट भी लिए। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बताया कि शेफाली को गेंद सौंपना उनकी रणनीति का हिस्सा था।


शेफाली वर्मा का सफर

शेफाली वर्मा को प्रारंभ में विश्व कप की 15 सदस्यीय टीम में नहीं चुना गया था। लेकिन प्रतिका रावल की चोट ने उन्हें मौका दिया और वह सेमीफाइनल से पहले टीम में शामिल हुईं। फाइनल में, डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में, शेफाली ने 78 गेंदों पर 87 रन बनाए, जिसमें सात चौके और दो छक्के शामिल थे।


दक्षिण अफ्रीका की चुनौती

दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत अच्छी नहीं रही, जहां तजमिन ब्रिट्स और एनेके बॉश जल्दी आउट हो गए। हालांकि, कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट और सुने लूस ने तीसरे विकेट के लिए मजबूत साझेदारी की। दीप्ति शर्मा, श्री चरणी और रेणुका ठाकुर सिंह जैसी प्रमुख गेंदबाजों को उन्होंने आसानी से खेला। मैच भारत के हाथ से फिसलता नजर आ रहा था, और स्कोर धीरे-धीरे बढ़ रहा था।


हरमनप्रीत कौर का मास्टरस्ट्रोक

21वें ओवर में हरमनप्रीत ने एक चौंकाने वाला निर्णय लिया और शेफाली को गेंद सौंपी। उन्होंने अपनी पहली ही गेंद पर सुने लूस को आउट किया और अगले ओवर में मरिजाने कैप का विकेट लिया। इन दो विकेटों ने मैच का रुख बदल दिया। शेफाली की स्पिन ने बल्लेबाजों को परेशान कर दिया।


हरमनप्रीत का खुलासा

मेल जोन्स से बातचीत में हरमनप्रीत ने कहा, "लॉरा और सुने अच्छा खेल रही थीं। तभी मैंने शेफाली को देखा। आज उसका दिन था। मैंने दिल की सुनी और सोचा, कम से कम एक ओवर तो दूंगी। मैंने शेफाली से पूछा, क्या तुम एक ओवर कर सकती हो? वह तुरंत तैयार हो गई। यही टर्निंग पॉइंट था।"


शेफाली वर्मा की तैयारी

हरमनप्रीत ने बताया कि शेफाली से गेंदबाजी की बात सेमीफाइनल से पहले हुई थी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच से पहले शेफाली को बताया गया था कि उन्हें दो-तीन ओवर डालने पड़ सकते हैं। शेफाली ने आत्मविश्वास से कहा, "गेंद दो, मैं 10 ओवर डालूंगी।" उनकी यह बात काम आई, और उन्होंने दबाव में बेहतरीन प्रदर्शन किया।