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मुरली कार्तिक: भारतीय क्रिकेट के स्पिन जादूगर की कहानी

मुरली कार्तिक, भारतीय क्रिकेट के एक प्रमुख स्पिन गेंदबाज, ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई टेस्ट में उनकी शानदार गेंदबाजी ने भारत को एक करीबी जीत दिलाई। इस लेख में हम उनके क्रिकेट सफर, महत्वपूर्ण मैचों और करियर के आंकड़ों पर चर्चा करेंगे। जानें कैसे मुरली कार्तिक ने अपनी गेंदबाजी से बल्लेबाजों को परेशान किया और अपने करियर में क्या-क्या हासिल किया।
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मुरली कार्तिक: भारतीय क्रिकेट के स्पिन जादूगर की कहानी

मुरली कार्तिक का क्रिकेट सफर

भारत के पूर्व बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज मुरली कार्तिक ने टेस्ट, वनडे और टी20 प्रारूपों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। उनकी गेंदबाजी में टर्न और उछाल की विशेषता थी, जिससे बल्लेबाज अक्सर फंस जाते थे। उनकी गेंदें हवा में देर से गिरती थीं, जिससे बल्लेबाज शॉट खेलने में जल्दबाजी कर गलती कर बैठते थे।


2004 का मुंबई टेस्ट

विशेष रूप से, 2004 में मुंबई में खेले गए टेस्ट में कार्तिक ने ऑस्ट्रेलिया की मजबूत बल्लेबाजी को चुनौती दी। इस मैच में उनकी शानदार गेंदबाजी ने भारत को एक करीबी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत

मुरली कार्तिक का जन्म 11 सितंबर 1976 को मद्रास में हुआ। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने का मौका मिला। फरवरी 2000 में, उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की, जहां उन्होंने तीन विकेट लिए।


ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज

2004 में, कार्तिक को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में शामिल किया गया। पहले दो मैचों में उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन तीसरे टेस्ट में उन्होंने अपनी प्रतिभा साबित की। उन्होंने पहली पारी में 57 रन देकर 3 विकेट और दूसरी पारी में 74 रन देकर 2 विकेट लिए।


मुंबई टेस्ट की रोमांचक जीत

टीम इंडिया ने वानखेड़े स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी करते हुए केवल 104 रन बनाए। इसके जवाब में, ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बल्लेबाजी की, लेकिन कार्तिक और अनिल कुंबले ने उन्हें कड़ी चुनौती दी। कुंबले ने 5 विकेट लिए, जबकि कार्तिक ने 4 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया 203 रन पर ऑलआउट हो गया।


अंतिम पारी और मुरली कार्तिक का प्रदर्शन

भारत ने दूसरी पारी में 205 रन बनाए, जिससे ऑस्ट्रेलिया को 107 रन का लक्ष्य मिला। ऑस्ट्रेलियाई टीम 93 रन पर सिमट गई, और भारत ने 13 रन से मैच जीत लिया। इस मैच में मुरली कार्तिक ने कुल 7 विकेट लिए और उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' का खिताब मिला।


क्रिकेट करियर का समापन

मुरली कार्तिक ने 2004 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 32.15 की औसत से 13 विकेट लिए। हालांकि, जब अनिल कुंबले ने रिटायरमेंट लिया, तो उन्हें और मौके नहीं मिले। कार्तिक ने 2007 में सीमित ओवरों के क्रिकेट में आखिरी बार खेला।


कुल आंकड़े

उन्होंने भारत के लिए 8 टेस्ट में 24 विकेट, 37 वनडे में 37 विकेट और 1 टी20 मैच खेला।