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यशस्वी जायसवाल का शतक: इंग्लैंड के खिलाफ धमाकेदार पारी

यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 101 रनों की शानदार पारी खेलकर सभी को प्रभावित किया। लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर खेली गई इस पारी में उन्होंने 16 चौके और 1 छक्का लगाया। हाथों में दर्द के बावजूद, यशस्वी ने अपनी मानसिक मजबूती और कड़ी मेहनत से यह उपलब्धि हासिल की। उनके साथ कप्तान शुभमन गिल ने भी नाबाद 127 रन बनाकर भारत को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। जानें इस अद्भुत पारी की पूरी कहानी और क्या यशस्वी का यह शतक उनके करियर का टर्निंग पॉइंट बन सकता है!
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यशस्वी जायसवाल का शतक: इंग्लैंड के खिलाफ धमाकेदार पारी

यशस्वी जायसवाल की शतकीय पारी

यशस्वी जायसवाल ने लीड्स में इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए 101 रनों की शानदार पारी खेली: लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर 23 वर्षीय यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के गेंदबाजों को परेशान कर दिया। भारत और इंग्लैंड के बीच पहले टेस्ट के पहले दिन, यशस्वी ने 101 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली, जबकि उनके हाथों में दर्द था। उन्होंने 16 चौके और 1 छक्का लगाया, जिससे यह साबित हुआ कि वह भारतीय क्रिकेट के नए सितारे हैं। यशस्वी का यह शतक न केवल भारत को मजबूत स्थिति में लाया, बल्कि दर्शकों का दिल भी जीत लिया। आइए, इस अद्भुत पारी की पूरी कहानी जानते हैं!


दर्द के बावजूद हार नहीं मानी


मैच के बाद यशस्वी ने बताया कि उनकी पारी के दौरान दोनों हाथों में अकड़न हो रही थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। मुस्कुराते हुए उन्होंने कहा, “ऐंठन तो सामान्य है, मैंने अपने खेल पर ध्यान केंद्रित किया।” उनकी 101 रनों की पारी इतिहास में दर्ज हो गई, क्योंकि वह ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में डेब्यू टेस्ट में शतक लगाने वाले पहले भारतीय बन गए। यशस्वी ने इंग्लैंड के खिलाफ 10 टेस्ट में 813 रन बनाए हैं!


गिल के साथ शानदार साझेदारी


यशस्वी ने कप्तान शुभमन गिल के साथ मिलकर 129 रनों की साझेदारी की, जिससे भारत का स्कोर 359/3 तक पहुंचा। गिल ने नाबाद 127 रन बनाए और टेस्ट कप्तान के रूप में शतक जड़कर अपनी काबिलियत साबित की। यशस्वी ने गिल की तारीफ करते हुए कहा, “उनके साथ बल्लेबाजी करना बहुत अच्छा लगा।” इंग्लैंड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का निर्णय लिया, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने उनके इरादों को ध्वस्त कर दिया।


मानसिक मजबूती का महत्व


यशस्वी ने बताया कि दबाव में मानसिक रूप से मजबूत रहना उनकी सफलता का मुख्य कारण है। उन्होंने कहा, “टीम और देश के लिए अच्छा प्रदर्शन करना हमारा लक्ष्य है। सकारात्मक माहौल में रहकर सफलता मिलती है।” इंग्लैंड दौरे से पहले बेकनहम में की गई कड़ी तैयारी ने भी उन्हें मदद की। यशस्वी ने कहा, “हेडिंग्ले की पिच चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन मेहनत का फल मिला।” उनकी बातें युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक हैं।


दूसरे दिन की प्रतीक्षा


पहले दिन के खेल के बाद भारत का स्कोर 359/3 है, और अब सभी की नजरें दूसरे दिन पर हैं। कप्तान गिल (127*) और ऋषभ पंत (65*) क्रीज पर हैं। यशस्वी का शतक भारत को शानदार शुरुआत देने में सफल रहा है, और अब टीम बड़ा स्कोर बनाने की कोशिश में है। यह टेस्ट फैंस के लिए रोमांच से भरा हुआ है। यशस्वी का यह शतक उनके करियर का महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। तो क्या आप भी इस मुकाबले के लिए तैयार हैं?