Newzfatafatlogo

रणजी ट्रॉफी 2025-26: मणिपुर के बल्लेबाज का दुर्लभ आउट

रणजी ट्रॉफी 2025-26 में मणिपुर के बल्लेबाज लामाबम अजय सिंह को एक अनोखे तरीके से आउट होते देखा गया। उन्हें दो बार गेंद मारने के कारण आउट करार दिया गया, जो कि 20 वर्षों में पहली बार हुआ। इस घटना ने दर्शकों को चौंका दिया। जानें इस अजीबोगरीब आउट के पीछे का नियम और इसके ऐतिहासिक संदर्भ के बारे में।
 | 
रणजी ट्रॉफी 2025-26: मणिपुर के बल्लेबाज का दुर्लभ आउट

रणजी ट्रॉफी 2025-26: अजीबोगरीब आउट का मामला

रणजी ट्रॉफी 2025-26 में मणिपुर के बल्लेबाज लामाबम अजय सिंह को एक अनोखे तरीके से आउट होते देखा गया। उन्हें दो बार गेंद मारने के कारण आउट करार दिया गया, जो कि 20 वर्षों में पहली बार हुआ।


इस घटना ने दर्शकों को चौंका दिया, जब लामाबम ने मेघालय के खिलाफ प्लेट लीग मैच में इस दुर्लभ तरीके से आउट होने का सामना किया।


रणजी ट्रॉफी 2025-26: अजीब आउट कैसे हुआ?


मैच के दौरान, मेघालय के गेंदबाज आर्यन बोरा की एक गेंद को लामाबम ने डिफेंड किया। गेंद उनके बैट से लगकर स्टंप्स की ओर लुढ़कने लगी, जिस पर बल्लेबाज ने घबराकर उसे फिर से रोकने की कोशिश की।


दर्शकों का कहना है कि जब उन्होंने दूसरी बार बल्ला लगाया, तो गेंद स्टंप्स की ओर जा रही थी, जो नियमों के अनुसार वैध माना जाता है। लेकिन अंपायर धर्मेश भारद्वाज ने तुरंत उन्हें 'हिट द बॉल ट्वाइस' के तहत आउट कर दिया।


मेघालय ने अपील की और बिना किसी विरोध के लामाबम मैदान छोड़कर चले गए।


एमसीसी का नियम क्या कहता है?


एमसीसी कानून 34.1.1 के अनुसार, यदि गेंद खेल में है और स्ट्राइकर जानबूझकर बल्ले या शरीर के किसी हिस्से से दूसरी बार गेंद को मारता है, तो उसे आउट माना जाएगा।


हालांकि, यदि दूसरी बार बैट लगाना विकेट बचाने के लिए किया गया हो, तो उसे आउट नहीं दिया जाना चाहिए।


इसलिए, इस आउट पर चर्चा हो रही है कि क्या अंपायर का निर्णय सही था।


20 साल बाद ऐसा आउट देखने को मिला


रणजी ट्रॉफी में ऐसा आउट बहुत ही दुर्लभ है। पिछली बार यह घटना 2005-06 में हुई थी, जब जम्मू-कश्मीर के कप्तान ध्रुव महाजन इसी नियम के तहत आउट हुए थे।


इससे पहले केवल तीन खिलाड़ी ऐसे आउट हुए थे: आंध्र के के. बवन्ना (1963-64), जम्मू-कश्मीर के शाहिद परवेज (1986-87), और तमिलनाडु के आनंद जॉर्ज (1998-99)।


अब लामाबम अजय सिंह इस दुर्लभ सूची में चौथे खिलाड़ी बन गए हैं।