रेड बॉल क्रिकेट में 1465 रन बनाकर इस टीम ने रचा नया इतिहास

भारतीय स्कूल क्रिकेट का अद्भुत कारनामा

रेड बॉल क्रिकेट - भारतीय घरेलू क्रिकेट और स्कूल क्रिकेट की नींव बहुत मजबूत है। यह वही मंच है जहां से कई बड़े खिलाड़ी भारतीय टीम तक पहुंचते हैं। कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं जो इतिहास में अमर हो जाते हैं। ऐसा ही एक रिकॉर्ड 2016 में बना, जब मुंबई के एक स्कूल की टीम ने रेड बॉल क्रिकेट में ऐसा कारनामा किया जिसे आज तक नहीं भुलाया गया है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में 1465/3 रन बनाकर रचा इतिहास
यह अद्भुत कारनामा केसी गांधी इंग्लिश स्कूल ने किया, जब उसने स्कूल क्रिकेट टूर्नामेंट में 1465/3 रन बनाकर क्रिकेट इतिहास में तहलका मचा दिया। यह स्कोर केवल एक संख्या नहीं थी, बल्कि रेड बॉल क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा टीम टोटल बन गया। यह रन उन्होंने भंडारी कप इंटर-स्कूल टूर्नामेंट में आर्य गुरुकुल स्कूल के खिलाफ बनाए थे, जो कि कल्याण (मुंबई) के यूनियन क्रिकेट अकादमी मैदान पर खेला गया था।
प्रणव धनवाड़े - रिकॉर्ड के असली हीरो
इस रिकॉर्ड तोड़ पारी के सबसे बड़े नायक 15 वर्षीय प्रणव धनवाड़े रहे, जिन्होंने अकेले ही नाबाद 1009 रन बनाए। यह स्कोर न केवल रेड बॉल क्रिकेट में, बल्कि किसी भी मान्यता प्राप्त क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। प्रणव ने यह कारनामा महज 327 गेंदों पर किया, जिसमें उन्होंने 129 चौके और 59 छक्के लगाए।
जैसे ही उन्होंने 629 रन पूरे किए, उन्होंने ए.ई.जे. कॉलिन्स का 117 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया, जिन्होंने 1899 में इंग्लैंड में एक क्लब मैच में 628* रन बनाए थे। प्रणव ने 1000 रन तक पहुंचकर रेड बॉल क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया।
टीम टोटल ने तोड़े कई रिकॉर्ड
प्रणव की इस अद्भुत पारी के कारण केसी गांधी स्कूल की टीम ने केवल 3 विकेट पर 1465 रन बनाए, जो रेड बॉल क्रिकेट में अब तक का सबसे बड़ा टीम स्कोर बन गया। इस स्कोर की खास बात यह थी कि टीम ने 15.58 रन प्रति ओवर की दर से रन बनाए। यह स्कोर विक्टोरिया के 1107 रन के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ते हुए बना, जो 1926 में न्यू साउथ वेल्स के खिलाफ बनाया गया था।
यह रिकॉर्ड खास है
रेड बॉल क्रिकेट हमेशा से बल्लेबाजों के धैर्य और तकनीक की परीक्षा लेता है। इस मैच में बल्लेबाजों ने आक्रामकता, धैर्य और कौशल का ऐसा संगम दिखाया जो असाधारण था। स्कूल स्तर पर ऐसा स्कोर बनाना केवल एक अद्भुत प्रदर्शन नहीं, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत का जूनियर क्रिकेट ढांचा कितना मजबूत है।