रेवाड़ी में खेल नर्सरियों की स्थिति: 16 बंद, बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य

रेवाड़ी में खेल नर्सरियों का हाल
हरियाणा के रेवाड़ी जिले में खेलों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित की गई 50 खेल नर्सरियों में से 16 अब बंद हो चुकी हैं। अप्रैल में शुरू की गई इन नर्सरियों में से कुछ में कोचों की कमी थी, जबकि अन्य में खिलाड़ियों की संख्या मानकों के अनुरूप नहीं थी। वर्तमान में, जिले में केवल 34 नर्सरियां सक्रिय हैं। खेल विभाग ने इन नर्सरियों में बायोमैट्रिक हाजिरी को अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए 15 अगस्त और 8 सितंबर तक का समय निर्धारित किया गया था, जो अब समाप्त हो चुका है। यदि अब बायोमैट्रिक हाजिरी नहीं लगाई गई, तो खिलाड़ियों को खुराक भत्ता नहीं मिलेगा।
बायोमैट्रिक हाजिरी का नियम
खेल विभाग ने सभी नर्सरियों से बायोमैट्रिक मशीनें खरीदने का निर्देश दिया है। अधिकांश नर्सरियों में मशीनें स्थापित हो चुकी हैं। कार्यवाहक जिला खेल अधिकारी ममता देवी ने स्पष्ट किया कि बायोमैट्रिक हाजिरी के बिना खिलाड़ियों को खुराक भत्ता नहीं दिया जाएगा। जिले में हॉकी और एथलेटिक्स की 6-6, वॉलीबॉल, फुटबॉल और कबड्डी की 5-5, तथा नेटबॉल, वुशू और हैंडबॉल की 2-2 नर्सरियां संचालित हो रही हैं। इनका संचालन 11 अप्रैल से शुरू हुआ, जबकि सरकारी खेल केंद्रों का कार्य 1 अप्रैल से प्रारंभ हुआ था।
खुराक भत्ते का इंतजार
नर्सरियों में 9 से 14 साल के खिलाड़ियों को 1,500 रुपये और 15 से 19 साल के खिलाड़ियों को 2,000 रुपये मासिक खुराक भत्ता मिलता है। लेकिन इस साल अप्रैल से अब तक लगभग 850 खिलाड़ियों को यह राशि नहीं मिली है। पिछले साल के खिलाड़ियों को भी भत्ता अभी तक नहीं मिला है, हालांकि बजट आ चुका है और जल्द ही यह राशि उनके खातों में जमा की जाएगी। खिलाड़ी और कोच इस देरी से चिंतित हैं, क्योंकि खुराक भत्ता उनके प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
निजी स्कूलों को झटका
इस वर्ष सरकार ने केवल सरकारी स्कूलों और ग्राम पंचायतों को ही नर्सरियां दी हैं। निजी संस्थानों से आवेदन नहीं लिए गए और न ही उन्हें कोई नर्सरी आवंटित की गई। पिछले साल कई निजी संस्थानों को नर्सरियां मिली थीं, लेकिन इस बार उनकी मांग को ठुकरा दिया गया है। विभाग का कहना है कि इस संबंध में अभी कोई नया निर्देश नहीं है।