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रेवाड़ी के नरेंद्र का माउंट एल्ब्रुस पर तीसरी बार चढ़ाई का अभियान

रेवाड़ी के नरेंद्र यादव 6 अगस्त को माउंट एल्ब्रुस पर चढ़ाई के लिए रूस रवाना होंगे। यह उनकी तीसरी चढ़ाई होगी, और यदि सफल होते हैं, तो वह इस चोटी पर सबसे अधिक बार चढ़ने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। जानें उनकी प्रेरणादायक यात्रा और चुनौतियों के बारे में, जिसमें उन्होंने फ्रॉस्टबाइट जैसी गंभीर स्थिति का सामना किया।
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रेवाड़ी के नरेंद्र का माउंट एल्ब्रुस पर तीसरी बार चढ़ाई का अभियान

नरेंद्र 6 अगस्त को रूस के लिए उड़ान भरेंगे


हरियाणा के रेवाड़ी निवासी नरेंद्र यादव 6 अगस्त को माउंट एल्ब्रुस पर चढ़ाई के लिए रूस रवाना होंगे। यह चोटी यूरोप की सबसे ऊंची है, जिसकी ऊंचाई समुद्र स्तर से 18,510 फीट है। नरेंद्र ने पहले भी इस चोटी पर तिरंगा फहराया है और इस बार वह एक अंतरराष्ट्रीय टीम का नेतृत्व करेंगे। उनका लक्ष्य 15 अगस्त को, भारत की स्वतंत्रता के दिन, चोटी पर तिरंगा फहराना है।


नरेंद्र बनेंगे पहले भारतीय जो माउंट एल्ब्रुस पर सबसे अधिक बार चढ़ेंगे

नरेंद्र ने पहले 2017 और 2023 में माउंट एल्ब्रुस पर चढ़ाई की थी। यदि वह इस बार सफल होते हैं, तो वह इस चोटी पर सबसे अधिक बार चढ़ने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे।


नरेंद्र का संबंध नेहरूगढ़ गांव से

नरेंद्र यादव का जन्म रेवाड़ी जिले के नेहरूगढ़ गांव में हुआ। उनकी मौसेरी बहन, संतोष यादव, भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला हैं। नरेंद्र की उपलब्धियां और भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि चार साल पहले वह पर्वतारोहण के दौरान फ्रॉस्टबाइट का शिकार हो गए थे।


डॉक्टरों ने पैर काटने की सलाह दी थी

डॉक्टरों ने उन्हें पैर काटने की सलाह दी थी, लेकिन दो साल के उपचार के बाद भी उन्होंने अपने पैरों की अंगुलियों को बचा लिया। इसके बावजूद, नरेंद्र ने सभी सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ाई की है।


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