रोहन बोपन्ना का टेनिस करियर समाप्त: जानें उनकी उपलब्धियों और भावुक विदाई के बारे में
रोहन बोपन्ना ने टेनिस से लिया संन्यास
भारतीय टेनिस के प्रमुख खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने अपने पेशेवर करियर से संन्यास लेने की घोषणा की है। दो दशकों से अधिक समय तक खेलते हुए, उन्होंने भारतीय टेनिस को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट में उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि वे अपने रैकेट को अलविदा कह दें।
2017 में जीता फ्रेंच ओपन खिताब
42 वर्षीय बोपन्ना को भारतीय टेनिस के सबसे सफल डबल्स खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। उन्होंने 2017 में फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल खिताब जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। उस समय उनकी जोड़ी कनाडा की गैब्रिएला डाब्रोवस्की के साथ थी। बोपन्ना अपनी आक्रामक सर्विस और शांत स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।
पेरिस मास्टर्स में खेला अंतिम मुकाबला
बोपन्ना ने अपना अंतिम पेशेवर मैच पेरिस मास्टर्स 1000 टूर्नामेंट में खेला। उन्होंने कजाखस्तान के अलेक्जेंडर बुब्लिक के साथ जोड़ी बनाई, लेकिन उन्हें जॉन पीयर्स और जेम्स ट्रेसी के खिलाफ कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। यह जोड़ी राउंड ऑफ 32 में बाहर हो गई।
भावुक विदाई और यादें
अपने सोशल मीडिया संदेश में बोपन्ना ने कहा कि किसी ऐसी चीज़ को अलविदा कहना कठिन है जिसने उनके जीवन को अर्थ दिया। उन्होंने अपने 20 साल के करियर को एक सपने के समान बताया, जिसमें उन्होंने कूर्ग में लकड़ी काटने से लेकर विश्व के बड़े स्टेडियमों में खेलने तक का अनुभव किया।
उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व करना अपने जीवन का सबसे बड़ा सम्मान बताया और अपने कोचों, परिवार, साथी खिलाड़ियों और प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया।
युवाओं को प्रेरित करने का संकल्प
बोपन्ना ने यह भी कहा कि भले ही वह अब कोर्ट पर नहीं खेलेंगे, लेकिन उनका टेनिस के साथ रिश्ता खत्म नहीं हुआ है। वह अब भारत के छोटे शहरों और गांवों के युवाओं को इस खेल में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं।
अपने करियर में उन्होंने न केवल कई खिताब जीते, बल्कि भारतीय टेनिस को वैश्विक पहचान दिलाई। उनका यह सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।
