रोहित शर्मा और विराट कोहली को वरुण अरोन की सलाह: घरेलू क्रिकेट में भाग लें

IND vs AUS, रोहित शर्मा और विराट कोहली का प्रदर्शन
IND vs AUS, रोहित शर्मा और विराट कोहली: पर्थ में आयोजित पहले वनडे मुकाबले में भारत के प्रमुख बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वनडे क्रिकेट में सात महीने बाद वापसी करने वाले ये दोनों खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में कुछ खास नहीं कर पाए। रोहित बिना कोई रन बनाए आउट हुए, जबकि कोहली ने केवल 8 रन बनाकर पवेलियन लौटने का सामना किया। इस असफलता के बाद, पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वरुण अरोन ने दोनों को महेंद्र सिंह धोनी के मार्ग पर चलने की सलाह दी है।
वरुण अरोन की सलाह
वरुण अरोन का मानना है कि रोहित और कोहली, जो अब केवल वनडे फॉर्मेट में खेल रहे हैं, को अपनी फॉर्म और फिटनेस बनाए रखने के लिए नियमित क्रिकेट खेलना चाहिए। उन्होंने धोनी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब धोनी ने 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया, तब उन्होंने झारखंड के लिए घरेलू टूर्नामेंट जैसे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में भाग लिया था।
रोहित और कोहली को घरेलू क्रिकेट खेलने की सलाह
वरुण अरोन ने दी सलाह
अरोन ने स्टार स्पोर्ट्स पर कहा, "घरेलू क्रिकेट खेलें। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी नवंबर में शुरू हो रही है और दिसंबर में विजय हजारे ट्रॉफी होगी। यह खेल के साथ जुड़े रहने का सबसे अच्छा तरीका है। धोनी ने टेस्ट से संन्यास के बाद इन टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया था। मुझे यकीन है कि रोहित और कोहली भी इस पर विचार करेंगे। अब जब वे दो फॉर्मेट नहीं खेल रहे, उन्हें मैच प्रैक्टिस की जरूरत होगी।"
एक फॉर्मेट में खेलने की चुनौतियाँ
आकाश चोपड़ा की राय
पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने भी इस विषय पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा, "जब आप केवल एक फॉर्मेट खेलते हैं, तो लय बनाए रखना कठिन होता है। रोहित और कोहली अब नई भूमिका में हैं, जहां रोहित कप्तान नहीं हैं। अब उनका ध्यान रनों की मात्रा पर होगा। उनकी बल्लेबाजी की गुणवत्ता हमेशा उत्कृष्ट रही है, लेकिन अब उन्हें अधिक रन बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।"
क्या रोहित और कोहली धोनी की राह पर चलेंगे?
धोनी का उदाहरण
धोनी ने 2015-16 और 2016-17 सीज़न में विजय हजारे ट्रॉफी में झारखंड के लिए क्रमशः सात और आठ मैच खेले थे। इस दौरान उन्होंने न केवल अपनी फॉर्म को बनाए रखा, बल्कि युवा खिलाड़ियों को भी प्रेरित किया। रोहित और कोहली के लिए भी यह मार्ग अपनाना लाभकारी हो सकता है।