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वेस्टइंडीज ने वनडे में स्पिन गेंदबाजी से बनाया नया रिकॉर्ड

वेस्टइंडीज ने बांग्लादेश के खिलाफ दूसरे वनडे में एक अनोखी रणनीति अपनाते हुए सभी 50 ओवर स्पिन गेंदबाजों से फेंके। इसने उन्हें एक नया रिकॉर्ड बनाने में मदद की। जानें कैसे इस रणनीति ने मैच का परिणाम बदला और बांग्लादेश की गेंदबाजी पर इसका क्या प्रभाव पड़ा।
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वेस्टइंडीज ने वनडे में स्पिन गेंदबाजी से बनाया नया रिकॉर्ड

BAN vs WI: वेस्टइंडीज का अनोखा रिकॉर्ड


BAN vs WI: ढाका के शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में आयोजित दूसरे वनडे मैच में वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने एक अनूठा रिकॉर्ड स्थापित किया। बांग्लादेश के खिलाफ 0-1 से पिछड़ने के बाद, वेस्टइंडीज के लिए यह मैच जीतना अत्यंत आवश्यक था। इस मुकाबले में उन्होंने एक ऐसी रणनीति अपनाई, जो क्रिकेट के इतिहास में पहले कभी नहीं देखी गई।


पहले वनडे में वेस्टइंडीज ने 208 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए शानदार शुरुआत की थी, लेकिन बांग्लादेश के स्पिनर रिशाद हुसैन ने छह विकेट लेकर वेस्टइंडीज को 133 रनों पर समेट दिया। इस हार से सीख लेते हुए, वेस्टइंडीज ने दूसरे वनडे में कुछ नया करने का निर्णय लिया।


वेस्टइंडीज ने स्पिनरों पर किया भरोसा

टीम ने पूरी तरह से स्पिन गेंदबाजों पर निर्भरता दिखाई और वनडे क्रिकेट के इतिहास में पहली बार सभी 50 ओवर स्पिनरों से फेंके गए। इस रणनीति ने काम किया और बांग्लादेश की टीम केवल 213/7 रन बना सकी। रिशाद हुसैन ने 14 गेंदों में 39 रनों की शानदार पारी खेलकर अपनी टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।


स्पिन गेंदबाजी का नया रिकॉर्ड

इस मैच में न केवल वेस्टइंडीज ने इतिहास रचा, बल्कि दोनों टीमों ने मिलकर एक और रिकॉर्ड भी बनाया। बांग्लादेश ने अपनी गेंदबाजी में पांच स्पिनरों का उपयोग किया और केवल एक तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को शामिल किया। इस प्रकार, दोनों टीमों ने एक वनडे मैच में सबसे अधिक ओवर स्पिन गेंदबाजों से फेंके। यह रिकॉर्ड पहले अफगानिस्तान और आयरलैंड के नाम था, जिन्होंने देहरादून में 78.2 ओवर स्पिन गेंदबाजी की थी।


बांग्लादेश के लिए पिचों का महत्व

ढाका की पिचें स्पिनरों के लिए आदर्श मानी जाती हैं, जो बांग्लादेश को घरेलू सीरीज में लाभ देती हैं। हालांकि, यह रणनीति बांग्लादेश के लिए नुकसानदायक हो सकती है। जब बांग्लादेश विदेशी दौरे पर जाएगी या आईसीसी टूर्नामेंट में खेलेगी, तो उन्हें ऐसी धीमी पिचें नहीं मिलेंगी, जिससे उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी, विशेषकर पेस बॉलिंग को समस्या हो सकती है।


इसके अलावा, ऐसी पिचें घरेलू क्रिकेट में तेज गेंदबाजों के विकास को भी बाधित कर सकती हैं। अधिकांश युवा गेंदबाज स्पिनर बनने की ओर आकर्षित होंगे, क्योंकि राष्ट्रीय टीम में चयन की संभावना स्पिनरों के लिए अधिक होती है।