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शिखर धवन के साथ धोखाधड़ी: 40 लाख रुपये की लूट का मामला

पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन के साथ एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें उनके पूर्व कर्मचारियों ने 40 लाख रुपये की राशि हड़प ली। शिकायत के अनुसार, इन कर्मचारियों ने धवन की तस्वीरों का गलत तरीके से उपयोग करते हुए एक क्रिकेट ऐप के साथ समाप्त अनुबंध को फिर से नवीनीकरण कर दिया। एशिया कप के दौरान धवन ने अपनी तस्वीरों को स्टेडियम में देखा, जिससे उन्हें इस धोखाधड़ी का पता चला। पुलिस ने इस मामले में कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है।
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शिखर धवन के साथ धोखाधड़ी: 40 लाख रुपये की लूट का मामला

शिखर धवन का नया विवाद

शिखर धवन के साथ धोखाधड़ी: 40 लाख रुपये की लूट का मामला

शिखर धवन: पूर्व भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल से संन्यास लिया है। हालांकि, अब वह एक गंभीर मामले में सुर्खियों में हैं।


धोखाधड़ी का मामला

शिखर धवन के साथ 40 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई है, जिसमें उनकी तस्वीरों का गलत तरीके से उपयोग किया गया है।


कैसे हुआ धोखाधड़ी का शिकार?


धवन की टीम ने शिकायत दर्ज कराई है कि एक स्टार्टअप के सीईओ और उनके पूर्व कर्मचारी पर गंभीर आरोप लगे हैं।


शिकायत में कहा गया है कि इन दोनों ने खुद को धवन का आधिकारिक प्रतिनिधि बताकर एक क्रिकेट ऐप के साथ समाप्त हो चुके अनुबंध को फिर से नवीनीकरण कर दिया और विज्ञापनों में उनकी तस्वीरों का उपयोग कर 40 लाख रुपये की राशि हड़प ली। यह एफआईआर दा वन ग्रुप द्वारा दर्ज कराई गई है, जो धवन के ब्रांड और व्यावसायिक कार्यों का प्रबंधन करता है।


एशिया कप के दौरान धोखाधड़ी

शिकायत में बताया गया है कि हाल ही में आयोजित एशिया कप के दौरान धवन ने स्टेडियम में अपनी तस्वीरों और वीडियो को देखा, जिसमें क्रेक्स ऐप का प्रमोशन किया जा रहा था। धवन इस बात से चकित थे क्योंकि उस समय उनके पास ऐप के साथ कोई सक्रिय अनुबंध नहीं था।


बाद में पता चला कि ऐप को चलाने वाली कंपनी पार्थटेक डेवलपर्स को एक फर्जी नवीनीकरण समझौता दिखाया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि धवन ने फिर से ऐप को एंडोर्स करने की अनुमति दी है।


कानूनी कार्रवाई

पुलिस ने शिकायत के आधार पर कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है, जिनमें आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, जालसाजी और जाली दस्तावेजों का उपयोग शामिल हैं।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "शिकायत मिलने के बाद, हमने एफआईआर दर्ज कर ली है। संबंधित व्यक्तियों को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया जाएगा और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"