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शुभमन गिल ने इंग्लैंड में बनाया ऐतिहासिक दोहरा शतक

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला में एक ऐतिहासिक दोहरा शतक बनाया है। एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में गिल ने 269 रनों की पारी खेली, जिससे उन्होंने भारतीय क्रिकेट में एक नया मील का पत्थर स्थापित किया। यह उपलब्धि उन्हें इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय कप्तान बनाती है। गिल की इस पारी ने न केवल भारत को मजबूत स्थिति में पहुँचाया, बल्कि उन्हें दिग्गजों की सूची में भी शामिल कर दिया। जानें उनके इस शानदार प्रदर्शन के बारे में।
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शुभमन गिल ने इंग्लैंड में बनाया ऐतिहासिक दोहरा शतक

शुभमन गिल का शानदार प्रदर्शन

शुभमन गिल का शतक: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान शुभमन गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ चल रही टेस्ट श्रृंखला में अपनी बल्लेबाजी से एक नया इतिहास रच दिया है। 25 वर्षीय गिल ने एजबेस्टन में दूसरे टेस्ट के चौथे दिन अपना 7वां टेस्ट शतक बनाया, जिसने क्रिकेट प्रेमियों को उत्साहित कर दिया।


गिल की 269 रनों की शानदार पारी ने भारत को एक मजबूत स्कोर तक पहुँचाया, जिससे टीम ने एक मजबूत स्थिति हासिल की। शनिवार को, गिल ने 129 गेंदों में 9 चौके और 3 छक्कों की मदद से शतक पूरा किया। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी ने इंग्लैंड के गेंदबाजों पर दबाव डाल दिया।



दोहरा शतक का ऐतिहासिक रिकॉर्ड


गिल ने गुरुवार को इंग्लैंड की धरती पर टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय और एशियाई कप्तान बनने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने 311 गेंदों में 21 चौके और 2 छक्कों की मदद से यह उपलब्धि हासिल की, जिसने सुनील गावस्कर के 1979 में ओवल में बनाए 221 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा। इससे पहले SENA देशों में भारतीय कप्तान का सर्वोच्च स्कोर मोहम्मद अजहरुद्दीन का 192 रन था, जो 1990 में न्यूजीलैंड के खिलाफ बनाया गया था।


दिग्गजों की सूची में शामिल


गिल का यह दोहरा शतक उन्हें भारत के लिए दोहरे शतक लगाने वाले कप्तानों की सूची में शामिल करता है, जिसमें एमएके पटौदी, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी जैसे दिग्गज शामिल हैं। गिल ने लीड्स में अपने टेस्ट कप्तानी पदार्पण में 147 रन बनाए थे और अब इस दोहरे शतक के साथ उन्होंने अपनी कप्तानी को और मजबूत किया है।


इंग्लैंड में नया कीर्तिमान


गिल इंग्लैंड में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं, इससे पहले यह उपलब्धि गावस्कर और राहुल द्रविड़ ने हासिल की थी। उनकी इस पारी ने न केवल भारत की स्थिति को मजबूत किया, बल्कि विश्व क्रिकेट में उनकी धाक को और बढ़ाया।